झारखंड में पंचायत सचिव अभ्यर्थियों द्वारा ट्विटर पर अंतिम मेधासूचि जारी करने के लिए मुख्यमंत्री से लगाई गई मार्मिक गुहार। पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर "झारखंड_पंचायत_सचिव_अभ्यर्थी" 

हैशटैग के ज़रिए मुख्यमंत्री को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। यह ट्विटर कैंपेन पंचायत सचिव अभ्यर्थी नेहा परवीन, अमन शाह, कुंदन कुमार, संजय कुमार, मोंटी सिंह, गौरव सिन्हा आदि के नेतृत्व में चलाया गया। पंचायत सचिव अभ्यर्थी नेहा परवीन ने बताया कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 2017 में कुल 3088 पदों के लिए पंचायत सचिव तथा निम्नवर्गीय क्लर्क का विज्ञापन निकाला गया था।
 इस बहाली की सब प्रक्रिया सितंबर 2019 में पूर्ण कर ली गई थी, लेकिन 2017 से आज तक चार साल बाद भी अंतिम परिणाम/फाइनल रिजल्ट झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जारी नहीं किया गया है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के साथ विभिन्न वार्तालाप में आयोग द्वारा बताया गया कि पंचायत सचिव की बहाली माननीय उच्च न्यायालय में चल रहे W.P(C) 1387/2016 सोनी कुमारी बनाम झारखंड सरकार से प्रभावित है, अथवा पंचायत सचिव का अंतिम परिणाम उच्च न्यायालय में लंबित सोनी कुमारी केस का फैसला 

आने के बाद जारी किया जाएगा। पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने यहीं पर सबसे बड़ा लूप होल बताते हुए कहा कि पंचायत सचिव की बहाली के संदर्भ में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा निकाले गए किसी भी नोटिस में ये ज़िक्र नहीं था कि पंचायत सचिव की बहाली भी उच्च न्यायालय में लंबित W.P(C) 1387/2016 सोनी कुमारी बनाम झारखंड सरकार से प्रभावित है, फिर कैसे अचानक से पंचायत सचिव की बहाली को W.P(C) 1387/2016 सोनी कुमारी बनाम झारखंड सरकार से जोड़ दिया गया। पंचायत सचिव अभ्यर्थी नेहा परवीन ये भी बताती हैं कि W.P(C) 1387/2016 सोनी कुमारी बनाम झारखंड सरकार केस सिर्फ और सिर्फ ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स (टीजीटी) 2016 बहाली से जुड़ा हुआ था, जिसका परिणाम उच्च न्यायालय के लार्जर बेंच के फैसले में आप स्वयं देख सकते हैं जहां फैसले में सिर्फ और सिर्फ अनुसूचित जिलों में ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स बहाली को रद्द किया था। 

पिछले वर्ष 21 सितंबर 2020 को झारखंड उच्च न्यायालय के लार्जर बेंच द्वारा W.P(C) 1387/2016 सोनी कुमारी बनाम झारखंड सरकार केस में फैसला सुनाते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने अनुसूचित जिलों में चल रही ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। माननीय उच्च न्यायालय से आए W.P(C) 1387/2016 सोनी कुमारी बनाम झारखंड सरकार के फैसले को जो सिर्फ़ टीजीटी 2016 नियुक्ति प्रक्रिया से पार्टिकुलर रूप से संबंधित था उस फैसले को जनरल मान कर पंचायत सचिव की बहाली पर थोप दिया गया है।

 पंचायत सचिव अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार अपनी इच्छा शक्ति दिखाते हुए पंचायत सचिव परीक्षा की अंतिम मेधासुची जल्द जारी करें क्योंकि पंचायत सचिव की बहाली में किसी प्रकार का कोई कानूनन अड़चन नहीं है।

 

must read