काेराेनाकाल में ऑस्ट्रेलिया के रिश्ते चीन से बिगड़े हैं। पहले चीन से ही भारत में बड़े पैमाने पर हार्डकोक आता था। धनबाद में तैयार हाेनेवाला हार्डकोक उससे महंगा पड़ता था। इसलिए यहां का उद्योग बीमार पड़ता जा रहा था। अधिकतर फैक्ट्रियां बंदी की कगार पर आ गईं। 

बीएन सिंह, अध्यक्ष,इंडुस्ट्रीज़ एंड कामर्स असोसीएशन के अनुसार, अब कोरोना काल में रिश्ते बि‍गड़ने पर चीन में ऑस्ट्रेलिया का कोयला जाना बंद हो गया। इससे चीन में हार्डकोक का उत्पादन भी कम हाे गया। 

इसी से भारत के हार्डकोक उद्योग काे माैका मिला। वहीं, ऑस्ट्रेलिया का काेयला भारत में आता रहा। उसकी कीमत भी कम हाे गई। धनबाद की फैक्ट्रियाें काे भी अच्छी क्वालिटी का काेकिंग काेल मिलने लगा, जिससे 5 साल बाद हार्डकाेक उद्याेग फिर मजबूती से खड़ा हो गया।

ऑस्ट्रेलिया से कोयला पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह पर आता है। वहां से रैक से धनबाद समेत दूसरे जिले के उद्याेगाें तक पहुंचाया जाता है। झारखंड के छोटे-छोट हार्डकोक उद्योग के मालिक, जो सीधे ऑस्ट्रेलिया से काेयला नहीं मंगा सकते, उन्हें स्टील कंपनियां कोयला देकर हार्डकोक बनवा रही हैं। यह हार्डकोक देशभर के साथ-साथ मलेशिया, जर्मनी, ब्राजील भी जा रहा है।

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