विश्व आदि‌वासी दिवस पर सोमवार को 743 करोड़ के योजनाओं का शुभारंभ किया गया। इसमें 587 करोड़ का किसान क्रेडिट कार्ड ( KCC) किसानों को दिया जाएगा। इसके अलावा 147 करोड़ रुपए से पशुधन विकास योजना के माध्यम से किसानों को दुधारु गाय, बकरी, सुकर, मुप्हा बत्तख आदि खरीदने के लिए 100% तक अनुदान दिया जाएगा।

इससे पहले कार्यक्रम में कृषि विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि राज्य भर से 6 लाख से ज्यादा आवेदन बैंकों को KCC के लिए भेजे गए हैं। इनमें 1.25 लाख आवेदन स्वीकृतक कर लिए गए हैं। 2 लाख 58 हजार 663 किसानों 1032 करोड़ रुपए का ऋण माफ हो चुका है।

इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि ओलिंपिंक में हॉकी महिला टीम में शामिल रही खिलाड़ियों को राज्य सरकार की तरफ से मिलने वाला 50-50 लाख रुपए का सम्मान जयपाल मुंडा के नाम से मिले। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जयपाल सिंह मुंडा के साथ न्याय नहीं किया है लेकिन आप उनके नाम को आगे बढ़ाएं।

CM हेमंत सोरेन ने सोमवार को विश्व आदिवासी दिवस पर कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि झारखंड के किसान का इतिहास अन्य राज्यों से अलग हैं। हमारे पूर्वज इस राज्य के जल, जंगल जमीन को बचाने का संघर्ष उस समय से कर रहे हैं, जब लोगों ने इसका सपना भी नहीं देखा था। आजादी की लड़ाई से पहले से हमारे पूर्वज इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं।

हेमंत सोरेन ने यहां कहा- 'यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमें अंडा दूसरे राज्यों से इंपोर्ट करना पड़ता है। जबकि यह हमारी पारंपरिक व्यवस्थाएं है। गांव में गाय, बकरी, मुर्गी, सुअर के साथ नीम, बेर, महुआ और मुनगा का पेड़ भी होना चाहिए। यही हमारी पूंजी थी, लेकिन ये कहां गायब हो गई ये हम समझ ही नहीं पा रहे हैं।'

मुख्य मंत्री ने कहा- 'लाह, सिल्क देश में ज्यादा पैदा करने वाला राज्य झारखंड है। हम इसके लिए खूब मेहनत करते हैं। मेहनत करके उत्पादन तो जरूर करते हैं, लेकिन फल दूसरे राज्य के लोग खाते हैं। उन्होंने बताया कि इस पर रोक लगाने के लिए फेडरेशन का गठन किया जा रहा है। आखिरी चरण में है। इसका उद्देश्य वनोपज की उचित मूल्य का निर्धारण करना है।

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