The benefit of all schemes of the rural development and national social welfare should be made available to the beneficiaries on the basis of their identity,said Chief Secretary, R S Sharma.

Sharma today addressed a meeting on issues related with the data transfer inside the Project Bhawan.

A press release issued by the public relations department in Hindi said as follows :

झारखंड में ग्रामीण विकास तथा राष्ट्रीय समाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत चल रही सभी योजनाओं का लाभ लाभुकों के निशिचत पहचान के उपरांत ही उपलब्ध कराया जाए। इसमें यू0आर्इ0डी0ए0आर्इ0 द्वारा दिए गए पहचान संख्या काफी कारगर होगी। यू0आर्इ0डी0ए0आर्इ0 एक ऐसा डाटाबेस है जिसका उपयोग पहचान के तौर पर हर क्षेत्र में किया जा सकता है। यह एक ऐसा मंच है जिसका उपयोग आप पर निर्भर है। मुख्य सचिव श्री आर॰एस॰शर्मा आज प्रोजेक्ट भवन सिथत अपने सभा कक्ष में डाटाबेस ट्रांसफर से संबंधित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सात जिलों में चल रही डाटा इन्ट्री कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि हर परिसिथति में डाटा इन्ट्री के कार्यक्रम निर्धारित समय सीमा में पूर्ण कर लिए जाएं। यह प्रक्रिया एक बार पूर्ण कर ली जाए तब अन्य सभी योजनाओं में इसका उपयोग सुविधाजनक तरीके से किया जा सकेगा। यह आँकड़े कम्प्यूट्रीÑत रूप से संग्रह ही मात्र न किए जाएं बलिक इसे अपलोड भी किए जाएं, सारे आँकड़ें आनलार्इन होने चाहिए। फिलहाल उन्हीं लाभुकों का डाटा इन्ट्री हो रहा है जिनके खाते बैंकों में हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि एक माह के भीतर डाकघरों को भी इससे जोड़ दिया जाएगा, ताकि वे लाभुक जिनका खाता डाकघर में है, उन्हीं भी आधार पहचान से जोड़ते हुए योजना का लाभ दिया जा सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि डाटा इन्ट्री के महत्व को समझते हुए इस हेतु जिला स्तर पर लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि डाटा इन्ट्री में रोजगार सेवकों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं कामन सर्विस सेन्टर की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। एक सप्ताह के भीतर इन्हें प्रशिक्षित कर इनके द्वारा डाटा इन्ट्री का कार्य प्रारम्भ करा दिया जाए, जिनका सत्यापन यू0आर्इ0डी0ए0आर्इ0 के माध्यम से कराया जाए।

मुख्य सचिव श्री शर्मा ने कहा कि जनवितरण प्रणाली, पेंशन सुविधा तथा छात्रवृति योजना में इस डाटा इन्ट्री से लाभुकों को अधिकाधिक लाभ पहुँचाया जा सकेगा। यह लाभुकों का पहचान सुनिशिचत करेगा साथ ही डुप्लीकेशन की सम्भावना नहीं रहेगी। उन्होंने पायलेट प्रोजेक्ट के तहत चयनित जिलों के उपायुäों को निदेश दिया कि डाटा इन्ट्री कार्यक्रम को अधिकाधिक प्रभावी तरीके से पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि अन्य जिलों के लिए भी इस हेतु एक वर्कशाप का आयोजन किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिला स्तर पर बैंक तथा उपायुäों के बीच समन्वय होनी चाहिए तथा किसी भी स्तर पर डाटा इन्ट्री में कोर्इ समस्या हो तो उसका निदान शीघ्र किया जाए। राज्य स्तरीय बैंकर्स कमिटि की बैठक में भी इस संबंध में प्रतिबद्धता व्यä की गर्इ थी। यदि किसी कारण से लाभुक के डाटा इन्ट्री के दौरान कोर्इ समस्या होती हो तो लाभुक को वस्तु सिथति से अवगत करा दिया जाए। यह बताए जाने पर कि छात्रवृति योजना के तहत बच्चों के डाटा इन्ट्री के दौरान अनुपसिथति डाटा इन्ट्री कार्य में बाधक हो रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि आधार संख्या नहीं दिए जाने पर छात्रवृति बन्द कर दिया जाए। सर्वप्रथम यह आवष्यक है कि छात्रों को सूचित किया जाए कि वे अपना आधार बनवा लें, यदि फिर भी वे नहीं बनवाते हैं तो छात्रवृति की सूची से उनका नाम हटा दिया जाए।

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