*image credit IPRD, Jharkhand

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने आज नई दिल्ली, राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग के शासी निकाय की चौथी बैठक में भाग लिया जिसकी अध्यक्षता प्रधान मंत्री जी ने की।    बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने नीति आयोग को सहकारी संघवाद (कॉपरेटिव फेडेरेलिज्म) को बढ़ावा देने हेतु आभार व्यक्त किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए अपने संसाधनों से अनुसूचित जनजाति बहुल 6 अन्य आकांक्षी जिलों के लिए वर्ष 2018-19 से अगले तीन वर्षों के लिए प्रतिवर्ष 50.00 करोड़ प्रति जिला, कुल 300.00 करोड़ रू0 प्रतिवर्ष की सहायता देने का प्रबंध किया है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने प्रधान मंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने झारखण्ड में आकर राज्य के आकांक्षी जिलों के उपायुक्तों से सीधी बात कर उनका मनोबल ऊंचा किया जिससे विकास के प्रति राज्य में नयी ऊर्जा का संचार हुआ है। राज्य किसानों की आय को दुगुना करने के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे मूर्त रूप देने के लिए प्रयासरत है। 
 

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झारखण्ड ने वर्ष 2015 से आवश्यकता आधारित उर्वरक उपयोग के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम का कार्यान्वयन प्रारंभ किया है, जिसमें अब तक 3.7 लाख मिट्टी के सैम्पल की जांच हो चुकी है तथा 9.22 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। इस योजना के तहत वर्ष 2018-19 के अंत तक 25.00 लाख किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि झारखण्ड में लगभग 950 ग्रामीण हाट है, जिन्हें विकसित करने की कार्रवाई की जा रही है। इसके अतिरिक्त राज्य में लगभग 1 लाख 30 हजार सखी मंडलों का गठन किया गया है। 

बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की योजनाओं के चयन एवं कार्यान्वयन में ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए ग्राम विकास समितियां गठित की हैं। जिन गांवों में अनुसूचित जनजाति की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है, वहां आदिवासी विकास समिति का गठन किया गया है। इस तरह राज्य में अबतक 15327 आदिवासी विकास समितियां एवं 10212 ग्राम विकास समितियां गठित की गयी हैं, जिन्हें 5.00 लाख रूपये तक की योजनाओं की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन का अधिकार दे दिया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का स्वागत करता है जिसके अंतर्गत राज्य में 25 लाख परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा से आक्षादित किया जा सकेगा। इसी के साथ राज्य अपने संसाधनों से 30 लाख अतिरिक्त परिवारों को भी 5.00 लाख रूपये तक की स्वास्थ्य बीमा सुविधा उपलब्ध करायेगा। राज्य आयुष्मान भारत के तहत इस वर्ष 711 स्वास्थ्य केन्द्रों, 33 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं 32 शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों को वेलनेस सेंटर के रूप में अपग्रेड करेगा तथा सन् 2022 तक सभी स्वास्थ्य केन्द्रों/उपकेन्द्रों को वेलनेस सेंटर के रूप में अपग्रेड कर देगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सन् 2019 में जब पूरा देश राष्ट्रपिता महात्म गांधी की 150वीं जन्म तिथि मना रहा होगा तब हमारा राज्य भी खुले में शौच से मुक्ति तथा ग्राम स्वराज की परिकल्पना को मूर्त रूप दे रहा होगा। बैठक में मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि मनरेगा योजना के तहत किसी अन्य मद से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित पम्प का अधिष्ठापन प्रत्येक कुओं के लिए किया जाय ताकि सुलभ सिंचाई उपलब्ध हो सके। 

इस बैठक में मुख्यमंत्री जी के साथ राज्य के मुख्य सचिव, श्री सुधीर त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।

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