Amid boycott staged by Jharkhand Mukti Morcha and Jharkhand Vikas Morcha,the meeting of MPs convened by Governor Syed Ahmad to discuss issues concerning the governance in Jharkhand was held today inside the Raj Bhawan.Union Rural Development Minister Jai Ram Ramesh was present on the occasion.

The details of the meeting were provided by the press release issued by the Raj Bhawan’s PRO Kranti Kant.It said as follows:

महामहिम राज्यपाल डा0 सैयद अहमद ने कहा है कि राज्य के तीव्र विकास हेतु आवष्यक है कि सभी जन-प्रतिनिधियों को मिलकर कार्य करना होगा राज्य की जनता की समस्याओं का तीव्रता से समाधान हो। महामहिम राज्यपाल आज राजभवन में राज्य के माननीय सांसदों के साथ आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में बोल रहे थे। बैठक में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेष, सांसद श्री यषवंत सिन्हा, श्री सुबोध कांत सहाय, श्री पी.एन. सिंह, श्री रवीन्द्र कुमार पाण्डेय, श्री देवीधन बेसरा, श्री निषिकांत दूबे, श्री प्रदीप बलमुचू, श्री धीरज कुमार, श्री जयप्रकाष नारायण, राज्यपाल के परामर्षी श्री मधुकर गुप्ता एवं श्री के. विजयकुमार, मुख्य सचिव श्री एस.के. चौधरी, विकास आयुक्त श्री ए.के. सरकार के अतिरिक्त सभी विभागों के सचिवगण उपसिथत थे।

महामहिम राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि राज्य का तेजी से विकास हो, यह हमारी मंषा है। कार्यसंस्Ñति को बेहतर बनाने हेतु व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं, कार्यालय में पदाधिकारी एवं कर्मी सुलभ रहें यह सुनिषिचत करने हेतु वे स्वयं कार्यालय का औचक निरीक्षण कर रहे हैं तथा कभी भी किसी जिले में जाकर कार्यालय का औचक निरीक्षण कर सकते हैं। महामहिम राज्यपाल ने इस अवसर पर उपसिथत पदाधिकारियों से कहा कि वे जन-प्रतिनिधियों के द्वारा लिखे गये पत्रों का जवाब दें और उस दिषा में अग्रेŸà¤¾à¤° कार्रवार्इ करें।

बैठक में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेष ने कहा कि राज्य में लोगों को निष्पक्ष एवं प्रभावी शासन सुलभ कराने के उद्देष्य से महामहिम राज्यपाल द्वारा यह बैठक आहूत की गयी है। मुझे आषा है कि इस ऐतिहासिक बैठक के अच्छे परिणाम अवष्य आयेंगे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अगले विŸà¤¾à¥€à¤¯ वर्ष से इंदिरा आवास योजना मद की राषि सीधे राज्य सरकार को सुलभ कराने की योजना है।

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इस अवसर पर माननीय सांसद श्री यषवंत सिन्हा ने कहा कि राज्यपाल महोदय का मैं आभार प्रकट करता हूँ कि उन्होंने झारखण्ड के सांसदों की बैठक बुलायी है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूँ कि झारखण्ड में असिथर सरकारें रही हैं जिस कारण विकास कार्य बाधित हुआ है लेकिन यह भी सच है, विकास कायोर्ं के क्रियान्वयन में पदाधिकारियों की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि जनता हमारे समक्ष षिकायतें लेकर आती हैं, लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि उनकी बातों को संज्ञान में नहीं लिया जाता है, उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया जाता है। साथ ही कोर्इ यह भी नहीं कहता है कि उनके द्वारा लिखे गये पत्र कहाँ हैं, उन्हें 2009 से एक भी पत्र का जवाब प्राप्त नहीं हुआ है। अत: इस परिपेक्ष्य में प्रत्येक विभाग सुनिषिचत करें कि पत्र कहाँ है और उसपर क्या कार्रवार्इ हुर्इ। उन्होंने कहा कि यदि पदाधिकारी दोषी हों तो उन पर भी कार्रवार्इ करें। उन्होंने हजारीबाग के खासमहल भूमि प्रणाली पर भी चर्चा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रदूषण की समस्या, विस्थापितों की समस्या आदि पर ध्यान आÑष्ट किया। श्री सिन्हा ने राज्य के विकास के लिए योजना व्यय की राषि के खर्च हेतु बेहतर योजना बनाने एवं उसपर अमल करने की बात कही। उन्हाेंने ग्रामों में अधिक क्षमतावाले ट्रान्सफर्मर लगाने हेतु अपना सुझाव दिया।
बैठक में सांसद श्री सुबोधकांत सहाय ने जन वितरण प्रणाली को प्रभावी बनाने की जरूरत बतायी। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान आÑष्ट कराते हुए कहा कि हेल्थ कार्ड लोगों को सुलभ कराने में विलम्ब हो रहा है। उन्होंने वृद्धावस्था पेंषन में विलम्ब की बात कही और लोगों को वृद्धावस्था पेंषन समय पर मिले, इस हेतु महामहिम से आग्रह किया।
बैठक में सांसद श्री पी.एन. सिंह ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि पदाधिकारियों के पास योजनाओं का आकड़ा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रखण्ड स्तर के पदाधिकारियों के पास योजनाओं के संदर्भ में जानकारी एवं आंकड़े नहीं रहते हैं। इस अवसर पर उन्होंने विष्वविधालय कर्मियों की समस्याओं से भी महामहिम को अवगत कराया तथा उनका समाधान करने हेतु आग्रह किया। उन्होंने राज्य में अधिकारियों व कर्मियों की कमी की ओर भी ध्यान आÑष्ट कराया।
बैठक में सांसद श्री जे.पी.एन. सिंह ने कहा कि Ñषि क्षेत्र में विकास हेतु हमें अधिक गहरे तालाब निर्माण कराने की आवष्यकता है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा मैं केन्द्र सरकार को यदि पत्र प्रेषित करता हूँ तो जवाब आ जाता है लेकिन झारखण्ड सरकार को स्पीड पोस्ट अथवा रजिस्ट्री से पत्र प्रेषित करने पर भी जवाब नहीं मिलता है। उन्होंने देवघर में मेला प्राधिकार समिति के गठन की भी मांग की।

बैठक में सांसद श्री देवीधन बेसरा ने लिफ्ट एरिगेषन को प्राथमिकता देने हेतु कहा। उन्होंने गंगा नदी पर पुल निर्माण की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बाढ़ आने के कारण कर्इ लोग विस्थापित हो जाते हंै। अत: उनके पुर्नवास की व्यवस्था होनी चाहिए।

इस अवसर पर सांसद श्री प्रदीप बलमुचू ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक सिंचार्इ परियोजना अवष्य होनी चाहिए। बैठक में सांसद श्री निषिकांत दूबे ने कहा कि शहरीकरण के लिए हमारे पास अपेक्षित विजन नहीं है। उन्होंने निर्माण कायोर्ं की गुणवŸाा पर प्रष्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि अच्छे संवेदक काफी कम मात्रा में काम कर रहे हैं। अत: अच्छे संवेदकों को कार्य मिले इस हेतु प्रयास की जानी चाहिए, उन्होंने इस निमित बैंक गारंटी की बात भी कही। उन्होंने र्इ-टेंडर प्रणाली को भी पूर्णत: पारदर्षी नहीं बताया और इस ओर ध्यान देने हेतु कहा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पुराने महाविधालयों के रख-रखाव के साथ-साथ नये महाविधालय भी खुलने चाहिए। उन्होंने देवघर में पर्यटन की असीम संभावना बताते हुए इस दिषा में अग्रेŸार कार्रवार्इ करने की मांग की।

बैठक में सांसद श्री धीरज साहू ने रिंग रोड के निर्माण की गति को तेज करने की बात कही। सांसद श्री रवीन्द्र पाण्डेय ने कहा कि अस्पताल में जरूरी दवा नही मिलते हैं, ट्रान्सफर्मर लगाने में काफी सरप्लस चार्ज किया जाता है। उन्होंने कहा कि विस्थापितों की नौकरी के संदर्भ में भी सरकार को शीघ्र निर्णय लेना चाहिए ताकि वे दर-दर न भटकता रहे।

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