Governor Syed Ahmad today honoured the sportspersons by giving them cash awards.

While speaking on the occasion,he recalled the old dictum -Padho He Likho Ge Banoge Nabab,Kheloge Kudoge Hoge Barbad(If you will read and write,you will be prince)-and observed that today sportspersons had proved it wrong.

A press release was issued by the Raj Bhawan PRO Kranti Kant.It reads as follows:

हमारी शुरू से ही मंषा रही है कि राज्य के होनहार एवं मेधावी खिलाडि़यों की अधिक से अधिक हौसलाअफजार्इ की जाय। अत: इस क्रम में इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। मेरा मानना है कि झारखण्ड के इन मेधावी खिलाडि़यों के बीच वजीफा (छात्रवृŸà¤¾à¤¿) एवं सम्मान राषि वितरण करने से यकीनन न केवल इनकी कद्र होगी, बलिक दूसरे खिलाडि़यों की भी हौसलाअफजार्इ होगी और उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा।
पहले एक कहावत थी- पढ़ोगे, लिखोगे, बनोगे नवाब खेलोगे, कूदोगे, होगे खराब। लेकिन आज इस कहावत का महŸà¤µ नहीं रह गया है। खिलाडि़यों ने अपनी सफलता से तो इस कहावत को असत्य करार कर ही दिया है। इसके अलावे संसार के महान वैज्ञानिकों ने भी कहा है कि खेलकूद व्यकितत्व के विकास के लिए बहुत जरूरी है। साथ ही उनका यह भी मत है कि अलग-अलग खेल अलग-अलग व्यकितयों का विकास करने में सहायक होते हैं।
खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, यह हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। खेलकूद से जहाँ एक ओर व्यकितयों का शारीरिक विकास होता है, वहीं मानसिक और चारित्रिक विकास के साथ-साथ उनमें अनुषासन की भावना में भी वृद्धि होती है। हमारे यहां कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मसितष्क होता है। खेलों से हमारे आत्मविष्वास में भी वृद्धि होती है और मेरा मानना है कि जिस व्यकित के अंदर आत्मविष्वास होता है वह जीवन की कठिन से कठिन हालात का सामना करने को तैयार हो जाता है।

खेल को अपना कैरियर बनाने वाले लोगों की बात करें तो मैं कहूँगा कि झारखण्ड राज्य में खेल के विकास की असीम संभावनायें हैं। राज्य में कर्इ होनहार खिलाड़ी हैं। हमारे राज्य के अनेक खिलाडि़यों ने न केवल राज्य का नाम रौषन किया है, बलिक अपनी काबिलियत से पूरे मुल्क का नाम रौषन किया है। हाकी खिलाड़ी स्व0 जयपाल सिंह मुण्डा का नाम काफी श्रद्धा व सम्मान से लिया जाता है। अभी की बात करें तो महेन्द्र सिंह धौनी, झारखण्ड की बिटिया दीपिका कुमारी, आसुन्ता लकड़ा आदि पर हमारे सूबे के लोगों के साथ-साथ देष के लोग भी फख्र करते हैं। इसके अतिरिक्त सौरभ तिवारी, वरूण ऐरोन, विमल लकड़ा आदि सहित कर्इ खिलाडि़यों ने राज्य का नाम रौषन किया है।
खेलकूद के प्रति झारखण्डवासियों की विषेष अभिरूचि रही है। अब देखा जा रहा है अभिभावक भी अपने बच्चों को बाहर अभ्यास के लिए ले जाते हैं, उन्हें कोचिंग दिलवाते हैं, उनमेंं खेल के प्रति दिलचस्पी बढ़ती जा रही है, लोगों के विचारधारा में बदलाव आ रही है, सोच का दायरा बढ़ता जा रहा है।

मैं इस अवसर पर कहना चाहूँगा कि 34वीं राष्ट्रीय खेल के लिए बनी मेगा स्पोर्टस काम्प्लेक्स सहित हमारे पास अन्य मौजूद सुविधाओं का बेहतर उपयोग हो। राज्य में खेल अकादमी कायम करने की योजना है जिससे सभी प्रकार के खेलों हेतु अन्र्तराष्ट्रीय स्तर का ट्रेनिंग सुलभ कराया जा सके। अत: इसे जल्द ही अमल में लाने के लिए विभाग कोषिष करें। खिलाडि़यों को कोच, खेल सामग्री, वजीफा इत्यादि समय पर विभाग मुहैया करायें। स्टेडियम खिलाडि़यों एवं खेलप्रेमियों को रियायती दर पर उपलब्ध हो, यह भी ध्यान में रखा जाय। खेल के विकास हेतु सरकार की सभी योजनाओं यथा- पार्इका योजना आदि का सही तरीके से राज्य में इम्प्लीमेंट हो, ताकि हमारे राज्य के खिलाडि़यों में मौजूद काबिलियत को सलाहियत मिले। इससे हमारे होनहार खिलाडि़यों के मनोबल को बढ़ावा मिलेगा और वे झारखण्ड ही नहीं, बलिक हिन्दुस्तान का नाम पूरे विष्व में रौषन करेंगे।

मैं वर्Ÿà¤¾à¤®à¤¾à¤¨ में खेल रहे सभी खिलाडि़यों के लम्बे खेल जीवन की कामना करता हूँ और आषा करता हूँ कि हमारे राज्य के अधिक से अधिक खिलाड़ी जल्द ही अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्ज करायेंगे और अपनी काबिलियत से पूरे विष्व में देष का परचम लहरायेंगे।

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