While addressing junior engineers of the water resources department,Jharkhand Governor Syed Ahmad today lectured that without hard work,nothing can be achieved.”With the hard work,desert can be turned into a green belt”,he said.

He handed over appointment letters to freshly appointed junior engineers inside the Raj Bhawan complex.

A press release issued by the public relations department in Hindi said as follows :

माननीय राज्यपाल डा0 सैयद अहमद ने कहा है कि बिना परिश्रम के कुछ नहीं प्राप्त किया जा सकता है, परिश्रम से बंजर और रेगिस्तान में भी हरियाली लार्इ जाती है। अत: आप जनहित के लिए पूरी निष्ठा, समर्पण व र्इमानदारी से अच्छे कार्य करें। इससे लोग आपको ताउम्र याद रखेंगे और उस क्षेत्र में आपके काम, काम करने के तरीके की भी मिसाल दी जायेगी। राज्यपाल महोदय आज बिरसा मण्डप, राजभवन परिसर में जल संसाधन विभागान्तर्गत नवनियुक्त कनीय अभियंताओं के मध्य नियुकित-पत्र वितरित कर रहे थे। समारोह में राज्यपाल के परामर्षी श्री मधुकर गुप्ता, मुख्य सचिव श्री आर0एस0 शर्मा, प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग श्री संतोष कुमार सत्पथी, राज्यपाल के प्रधान सचिच श्री एन0एन0 सिन्हा के अतिरिक्त नवनियुक्त कनीय अभियंतागण उपसिथत थे।

राज्यपाल महोदय ने कहा कि कनीय अभियंता विभाग की रीढ़ माने जाते हैं, अत: वे सही तरीके से व निष्ठापूर्वक किसी काम का सम्पादन करेंगे, तो निषिचत रूप से बेहतर परिणाम मिलेंगे। उन्होंने इन नवनियुक्त कनीय अभियंताओं से कहा कि सिंचार्इ हेतु आधारभूत संरचना का निर्माण, बेहतर सिंचार्इ व्यवस्था, उनके समुचित रख-रखाव एवं उम्दा जल संसाधन प्रबंधन की अहम दायित्व उन पर है। उन्होंने कहा सिंचार्इ व्यवस्था की हालत को देखकर किसी राज्य की तरक्की का अंदाजा लगाया जा सकता है। सिंचार्इ आधारभूत संरचना एवं जल संसाधन प्रबंधन पर ध्यान दिये बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती, अत: इस दिषा में विषेष ध्यान देना होगा।
माननीय राज्यपाल महोदय ने इस अवसर पर कहा कि भारत कृषि प्रधान देष है। यहाँ 70: लोग कृषि कार्य पर निर्भर है। मानसून की अनिषिचतता के कारण सिंचार्इ सुविधा एवं इससे जुड़े अभियंताओं से आम जनमानस को बड़ी आषायें रहती हैं कि उनके द्वारा बनाये गये बांध, जलाषय, नहर एवं अन्य संरचना बेहतर होंगे। अत: विभाग की योजनाओं के अनुसार जनता को बेहतर सिंचार्इ सुविधा सुलभ कराना उनका हर हाल में लक्ष्य हों। राज्यपाल महोदय ने इन नवनियुक्त कनीय अभियंताओं से कहा कि वे अपने नालेज को अप-टू-डेट रखें, जानकारी हेतु अपने वरीय साथियों से भी सीखें और कार्य को गति देकर उसे तय समय-सीमा के अन्दर कार्यानिवत करने हेतु प्रतिबद्ध रहें।
इस अवसर पर राज्यपाल के परामर्षी श्री मुधुकर गुप्ता ने कहा कि अभियंता एक निर्माता है, अत: सभी नवनियुक्त कनीय अभियंता समर्पित भाव से निरंतर कार्य करें, अच्छे कार्य करने से उन्हें आत्मसंतोष की प्रापित होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार में मैन पावर की कमी को दूर करने हेतु प्रयास हो रहा है।

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मुख्य सचिव श्री आर0एस0 शर्मा ने कहा कि समयानुसार नियुकित नहीं होने के कारण राज्य में मानव संसाधन की कमी है, जो विकास में बाधक रही है। उन्होंने कहा कि इस कमी को दूर करने हेतु सभी विभागों को नियुकित नियमावली बनाने के लिए कहा गया है।

इस अवसर पर प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग श्री संतोष कुमार सत्पथी ने कहा कि राज्य गठन के बाद प्रथम बार विभाग में इतनी संख्या में इस पद के लिए नियुकित की गर्इ है, इससे विभाग की योजनाओं के कार्यान्वयन में तीव्रता आयेगी क्योंकि कनीय अभियंताओं पर कार्यान्वयन की अहम जिम्मेदारी रहती है।
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माननीय राज्यपाल डा0 सैयद अहमद ने कहा है कि झारखण्ड अधिविध पर्षद अपने अधीन होने वाले सभी परीक्षाओं की जानकारी हेतु माडेल एकेडेमिक कैलेण्डर निकाले एवं प्रसारित करे ताकि सबों को यह पूर्व से ज्ञात रहे कि कब परीक्षायें होगी तथा उसका परिणाम कब निकलेगा। माननीय राज्यपाल आज प्रोजेक्ट भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष में झारखण्ड अधिविध पर्षद के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री एन.एन. सिन्हा, प्रधान सचिव मानव संसाधन श्री डी.के. तिवारी, पर्षद के अध्यक्ष श्री आनन्द भूषण एवं अन्य वरीय पदाधिकारी उपसिथत थे। राज्यपाल महोदय ने षिक्षक प्रषिक्षण विधालयों (प्राथमिक षिक्षक हेतु) की परीक्षायें एवं सत्र नियमित नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निदेष दिया कि जो विधालय +2 की अहŸर्ाा पूरा नहीं करता हो उसे प्रस्वीÑत किसी भी सिथति में नहीं करें तथा जो विधालय अहŸर्ाा पूरा करता है उसे शीघ्र प्रस्वीÑत करें।

बैठक में पर्षद के अध्यक्ष श्री आनन्द भूषण ने कहा कि इन्टर क्लासेस का संचालन विष्वविधालय के द्वारा भी किया जाता है। महाविधालयों में बड़ी संख्या में छात्र दाखिला लेते हैं। परन्तु विष्वविधालयों के अधीन चलने वाले प्दजमत ब्सेेंमे कतिपय कारणों से नियमित नहीं चलते। पिछले वर्ष मात्र 100 दिन कक्षायें हुयी जबकि उसे कम से कम 180 से 220 दिन चलना चाहिये था, इससे छात्र को नुकसान होता है। विष्वविधालय के द्वारा संचालित होने के कारण हम कुछ नहीं कर पाते हैं। अत: इन्टर की पढ़ार्इ एवं उसका संचालन एकीÑत होनी चाहिये। इस पर राज्यपाल महोदय ने निदेष दिया कि प्रधान सचिव मानव संसाधन विभाग की अध्यक्षता में एक कमिटि बनायी जाय जिसमें अधिविध पर्षद के अध्यक्ष सहित विष्वविधालयों के प्रतिनिधि भी रहें। यह समिति शीघ्र सुझाव दे ताकि उस पर अग्रतर कार्रवार्इ की जा सके।

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