Jharkhand Governor Syed Ahmad stressed upon the need to augment milk production in Jharkhand.

Speaking in a meeting organised to mark the World Milk Day today ,he said that modern and appropriate technology was needed to be adopted to boost the milk production.

A press release issued by the public relations department in Hindi said as follows;

माननीय राज्यपाल डा0 सैयद अहमद ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में दूध उत्पादन अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पा रहा है, यह मात्र घरेलू खपत एवं स्थानीय बिक्री तक ही सीमित हो गया है तथा राज्य में दूध उत्पादन खपत के अनुपात में काफी कम है। अत: आवष्यकता है कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में बढ़ोतरी हो, इस हेतु इससे जुड़े लोगों को बेहतर नीतियाँ बनानी होगी तथा आधुनिक तथा उपयुक्त तकनीक को अपनाना होगा, तभी हम दूध उत्पादन के क्षेत्र में तरक्की कर सकते हैं।

माननीय राज्यपाल आज विष्व दुग्ध दिवस के अवसर पर होटल हालीडे में पशु पोषण एवं चारा सुरक्षा विषय पर आयोजित एक राष्ट्रीय सेमीनार को सम्बोधित कर रहे थे। सेमीनार में राज्यपाल के परामर्षी श्री मधुकर गुप्ता, राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री एन.एन. सिन्हा, पशुपालन सचिव श्री नितिन मदन कुलकर्णी, बिरसा Ñषि विष्वविधालय के कुलपति डा0 एम.पी. पाण्डेय सहित देष के कर्इ प्रतिषिठत वैज्ञानिक उपसिथत थे।

माननीय राज्यपाल ने कहा दूध उत्पादन में वृद्धि हेतु राज्य सरकार द्वारा कर्इ महत्वाकांक्षी योजनाएँ चलायी जा रही है। दूध उत्पादन से जुड़े राज्य के लोगों के आर्थिक विकास हेतु दूध एवं दूध जनित पदार्थों का उत्पादन, संरक्षण एवं प्रोसेसिंग तथा मार्केटिंग हेतु मिल्क फेडरेषन के गठन की स्वीÑति दे दी गयी है। राज्य स्तरीय र्शीष सहकारी संस्था के रूप में गठित स्टेट मिल्क फेडरेषन के द्वारा राज्य के दूध उत्पादकों के आर्थिक एवं सामाजिक परिसिथति में सुधार, दुधारू पषुओं के दुग्ध उत्पादन में वृद्धि तथा डेयरी उधोग के विकास हेतु आवष्यकतानुरूप कार्यक्रम चलायी जायेगी।

माननीय राज्यपाल ने कहा कि अमूल पद्धति के सहकारी सिद्धांतो पर आधारित त्रि-स्तरीय सहकारी व्यवस्था के अधीन गठित मिल्क फेडरेषन के तहत दूध उत्पादकों को उनके द्वारा उत्पादित दूध का लाभकारी मूल्य दिलाया जा सकेगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी दूध संग्रहण प्रणाली कामय कर दूध उत्पादकों को बिचौलियों से मुकित दिलायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन में नर्इ टेक्नालाजी को अपनाना होगा।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव लाया जा सकता है तथा ग्रामीण परिवारों को आमदनी का एक वैकलिपक साधन भी प्राप्त होगा। राज्यपाल महोदय ने आषा व्यक्त की कि इस प्रकार के सेमीनार के आयोजन से दूध उत्पादकों में जागृति आयेगी।

इस अवसर पर राज्यपाल के सलाहकार श्री मधुकर गुप्ता ने कहा कि दूध उत्पादन ग्रामीण Ñषि व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण पहलू है। आज राज्य में राष्ट्रीय औसत के मुकाबले काफी कम दूध उत्पादन हो रहा है। हम अपने जरूरत से 34 लाख लीटर कम दूध उत्पादन करते हैं, अत: इस क्षेत्र में विषेष एवं सार्थक प्रयास की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि इसी दृषिटकोण से डेयरी टेक्नालाजी कालेज, हंसडीहा में खोला जा रहा है, जो इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। इस अवसर पर बिरसा Ñषि विष्वविधालय के कुलपति ने कहा कि राज्य में पषु आहार की काफी कमी है एवं अच्छी नस्ल के पशुओं का भी आभाव है।

आरम्भ में अतिथियों का स्वागत करते हुए विभागीय सचिव श्री नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि डेयरी सेक्टर में दूध उत्पादन की असीम संभावनायें हैं, इसके विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति आ सकती है।
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माननीय राज्यपाल डा0 सैयद अहमद से आज कांग्रेस नेत्री एवं विधानसभा सदस्य श्रीमती गीताश्री उराँव के नेतृत्व में शारीरिक प्रषिक्षकों का एक षिष्टमंडल मिलकर एक ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि झारखण्ड के षिक्षण संस्थानों में शारीरिक षिक्षकों की भारी कमी है, परन्तु शारीरिक षिक्षकों की योग्यता रहते हुए भी नियुकित नहीं हो पा रही है। अत: शारीरिक षिक्षकों की नियुकित का आदेष दिया जाय। इसके अतिरिक्त राज्य के टाना भगतों का एक षिष्टमंडल भी श्रीमती गीताश्री उराँव के नेतृत्व में माननीय राज्यपाल से मिला एवं अपनी विभिन्न समस्याओं के निदान हेतु एक ज्ञापन सौपा।

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