झारखण्ड के स्कूलों और कॉलेजों में एनसीसी के नये पाठ्यक्रम की योजना लागू की जायेगी जिसके लिये राज्य सरकार की अनुमति प्राप्त हो चुकी है। 

साथ ही च्वाईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम की नीति के तहत इसे कोर्स में शामिल किया जायेगा। उक्त बातें बिहार-झारखण्ड एनसीसी निदेशालय के अपर महानिदेशक मेजर जनरल एम इन्द्राबालन ने करमटोली चौक के नजदीक स्थित एनसीसी कैंपस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। 
 

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मेजर जनरल एम इन्द्रबालन ने बताया कि अब तक एनसीसी द्वारा कैडेट्स प्रशिक्षण में कई तरह के बदलाव किये गये हैं, जिसमें नई शिक्षा पद्धति के अनुरूप विश्वविद्यालय में विषय के तौर पर कार्यान्वयन का अनूठा कदम है। 

नई योजना के तहत एनसीसी कैडेट्स के परफॉर्मेंस में मार्क्स का फायदा मिलेगा साथ ही एकेडमिक रूप से मान्यता मिल सकेगी। अब तक एक्स्ट्रा कैरिकूलम के तहत एनसीसी की ट्रेनिंग होती थी और राज्य की नीतियों के अनुसार ही कैडेट्स को लाभ मिल पाता था। मेजर जनरल ने कहा कि ऐसे कॉलेज और स्कूलों को भी चिन्ह्ति किया जायेगा जो एनसीसी ट्रेनिंग की मान्यता लेकर बैठे है तथा वो एक्ट के आधार पर प्रशिक्षण का कार्य नहीं कर रहे हैं। 

उन्होनें कहा कि ऐसे कॉलेज और स्कूलों को जिनका परफॉर्मेंस संतोषप्रद नहीं है, उन्हें एनसीसी एक्ट के तहत नोटिस दिया जायेगा तत्पश्चात कार्यवाही की जायेगी। एनसीसी कैडेट्स के प्रशिक्षण के लिये नये प्राध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गयी है।

मेजर जनरल एम इन्द्रबालन ने कहा कि झारखण्ड राज्य में नेवल कैडेट का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ दिया गया है तथा पतरातू में इसका प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि तिलैया डैम में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रस्ताव तैयार है और इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की स्वीकृति दी है। उम्मीद है कि जल्द ही तिलैया डैम में भी प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया जायेगा। 

मेजर जनरल एम इन्द्रबालन ने एनसीसी कैडेट्स को भी संबोधित करते हुए नई नीतियों और एनसीसी प्रक्षेत्र में नई शिक्षा नीतियों की भी जानकारी दी तथा कैडेट्स के सवालों का जवाब भी दिया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रिगेडियर मनीष त्रिपाठी, कर्नल एच के पाठक सहित एनसीसी के कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

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