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आगामी 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को "जनजातीय गौरव दिवस" के तौर पर मनाया जाएगा।यह दिवस जनजातीय नायकों को और उनके योगदान को याद करने का बेहद ही अनूठा प्रयास है।
ये 15 नवंबर झारखंड के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। बिरस मुंडा झारखंड में पूजनीय हैं और इसी दिन झारखंड २८ वाँ राज्य २००० में बिहार से अलग होकर बना। ये राज्य स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस वर्ष भी अगले सोमवार को मनाया जाएगा।
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि मंत्रालय के प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज हुई कैबिनेट से पारित कर दिया गया।उन्होंने बताया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदाय का उल्लेखनीय योगदान रहा है।
आगामी 15 से 22 नवंबर तक "आजादी के अमृत महोत्सव" के तहत पूरे देश में जनजातीय महोत्सव मनाया जाएगा।जिसके तहत जनजातीय समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों के कृतित्व, उनकी कला और संस्कृति पर कार्यक्रम आयोजित होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को भोपाल में "जनजातीय गौरव दिवस"पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।श्री मुंडा ने कहा कि देश इस समय आजादी के 75 साल का महोत्सव मना रहा है और इस अवसर पर यह निर्णय जनजातीय समुदाय के लिए भी गौरव की बात है।15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने के निर्णय के लिए पूरे जनजातीय समुदाय की ओर से प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हैं।