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झारखंड में रांची जिले के खलारी इलाके के करकट़्टा में बंद पड़ी कोयला खदान में आग लग गई है ।ऐसा माना हाँ रहा है की इस आग की तीव्रता इतनी भीषण है कि पूरे इलाके के जमींदोज होने का खतरा पैदा हो गया है।

कुछ लोग का कहना है की इस आग को अगर जल्द रोका नही गया तो  बड़ी आबादी के आवासीय क्षेत्र पर संकट पैदा हो सकता है। 

प्रसन ये है की इस बंद पड़ी माइंस में आग कैसे लगी? कोई नही जनता की कारण कया है।यह अब तक साफ नहीं हो सका है।

उत्तर करनपुरा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली इस माइंस में सालों पहले सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड की ओर से खनन कार्य पूरा कर लिया गया था ।इसके बाद इसे ओपेन माइनिंग के लिए प्राइवेट कंपनी को आउटसोर्स कर दिया गया। कंपनी ने अपनी समयावधि तक माइंस से कोयला निकाला। इसके बाद वनाधिकार का विवाद शुरू हो गया। लिहाजा माइंस में खनन का कार्य बंद हो गया।

दैनिक भास्कर के रिपोर्ट के अनुसार, “इसके बाद कोयला माफियाओं ने स्थानीय लोगों की मदद से एक बार फिर इस माइंस में खनन कार्य प्रारंभ कराया। लगातार छापेमारी के बावजूद जब अवैध कोयला निकासी नहीं बंद हुई तो माइंस के मुहाने को बंद करा दिया गया। बुधवार की सुबह इलाके के लोगों ने माइंस के अंदर से आग और धुआं निकलते हुए देखा। थोड़ी देर में पूरा इलाका काले धुएं से भर गया।”

जो भी हो ,अगर जल्द ही आग पर काबू नहीं पाया गया तो पूरा इलाका जमींदोज होने का ख़तरा मंडरा रहा है ।”पूरे इलाके में अंदर ही अंदर कोयला निकाला गया है। आग जमीन के अंदर बचे हुए कोयले के बीच फैल सकती है। ऐसी स्थिति में हालात बेहद खतरनाक हो जाएंगे।”

ऐसी सूचना है की अगर समय रहते आग पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो प्रत्यक्ष तौर पर करीब 2000 की आबादी प्रभावित हो सकती है। 

प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि आग को नियंत्रित करने के लिए कंपनी प्रबंधन से वार्ता की गई है। कंपनी के अधिकारियों ने भरोसा दिया है कि गुरुवार को ऑपरेशन शुरू कर यथाशीघ्र आग को नियंत्रित करने का प्रयास किया जाएगा। CO एसपी आर्य ने कहा कि यह CCL की खदान हैं। GM को आग पर तत्काल काबू पाने के लिए कहा गया है ताकि जान-माल की क्षति को रोका जा सके।

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