झारखंड के दुमका में अब खनिजों के अवैध खनन का बहुत बड़ा गेम चल रहा है। पुलिस और ज़िला के अधिकारी आँखे बंद कर जलेबी खा रहे है। 

ये दिखायी दे रहा है सड़कों पर। जहां तस्करी के लिए ओवरलोडिंग पर रोक नहीं लग पा रही है।दृश्य है शिकारीपाड़ा और गोपीकांदर के पत्थर उद्योग क्षेत्र से बोल्डर और स्टोन चिप्स लोड ट्रक और हाइवा बिना किसी रोक-टोक के जिले से बाहर जा रहे हैं।

इससे सरकारी राजस्व को भारी क्षति हो रही है।सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है।लेकिन जब सरकार के मंत्री और संतरी ही इस माफिया लोगों से मिले हो तो फिर सरकारी ख़ज़ाना के बारे में सोचना ही ग़लत प्रतित होता है ।

जिसके चलते गिट्टी लदे ओवरलोड ट्रकों में माइनिंग चालान भी नहीं रहता है।कुछ police अधिकारी का कहना है कि बोल्डर और स्टोन चिप्स से ओवरलोड ट्रकों और हाइवा को बिना रोक-टोक जिले से पार करा कर प.बंगाल और बिहार भेजने वाला एक पासिंग गिरोह दुमका में सक्रिय है जो अलग-अलग तरीके से गाड़ियों को निर्विघ्न पार कराने का हर तिकड़म इस्तेमाल करता है।

जानकारी के अनुसार पहले टोकन सिस्टम से ओवरलोड गाड़ियां पास कराई जाती थी।इन दिनों जो तरीका इस्तेमाल हो रहा है उसे मैसेज सिस्टम बोला जाता है।ऐसा माना जाता है कि पासिंग गिरोह को कई स्तर पर संरक्षण मिला हुआ पर इसका खुलासा उच्चस्तरीय जांच से ही हो सकता है।यह गिरोह बालू और कोयला की तस्करी से भी सम्बद्ध बताया जाता है।

दुमका के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला  अवैध खनन को रोकने पर विचार विमर्श के लिए एक अहम बैठक की थी सोमवार के दिन ।लेकिन दो दिन बाद कोई उम्मीद कि किरण दिखाए नही दे रही की खनिजों के अवैध खनन अब बंद होगा।एक  नागरिक का ये आरोप है की अधिकारी ए सब मीटिंग सिर्फ़ दिखावे के लिए करते है।

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