झारखंड में हुई छठवीं JPSC ( झारखंड लोक सेवा आयोग) के परीक्षा परिणाम को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस अजय रस्तोगी व अभय ओका के बेंच ने मामले पर याचिकाकर्ता का पक्ष सुनते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने JPSC और राज्य सरकार का मामले पर पक्ष जानने के लिए अगली तिथि में उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया। प्रार्थी वरुण कुमार व फैजान सरवर के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट में एसएलपी दाखिल किया है।
प्रार्थी की तरफ से पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता प्रशांत भूषण, पी.पटवालिया, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, वी.मोहना, विज्ञान शाह, चिश्ती जैन, शुभाशीष रसिक सोरेन आदि उपस्थित रहे। कोर्ट ने केस की अगली तिथि 31 मार्च को दोपहर 2 बजे निर्धारित कर दी है। जानकारी हो कि झारखंड हाईकोर्ट के डबल बेंच ने 23 फरवरी 2022 को छठवीं JPSC की सभी नियुक्तियां रद्द कर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा था। इससे कई सफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा। दरअसल, JPSC द्वारा नियुक्ति के बाद यह लोग राज्य के विभिन्न जिलों में अलग-अलग अपनी सेवा दे हैं। डबल बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ. रविरंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की डबल बैंच ने एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए छठवीं JPSC के रिजल्ट को खारिज कर दिया।
इसके बाद JPSC की ओर से संशोधित परिणाम जारी किया गया। इसमें पूर्व में चयनित अभ्यार्थियों में से 60 लोगों के नाम इस सूची में नहीं थे। इसमें पूर्व में प्रकाशित 326 अभ्यार्थियों की जगह 266 अभ्यार्थियों को ही सफल घोषित किया गया।