आज शुक्रवार के दिन जब झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन वैष्णव देवी की पूजा करने में मसकुल है, उनकी भाभी सीता सोरेन दोपहर दो बजे राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। 

इस घटना  के साथ ही झारखंड का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। सियासी गलियारे में अटकलें तेज हो गई हैं। आरोप है कि भाजपा के साथ मिलकर सीता सोरेन हेमंत सरकार को गिराने की कोशिश कर रही हैं। 

इसके लिए झामुमो के कई विधायकों से संपर्क किया गया है। हालांकि, सीता ने मोटे तौर पर यह कहा है कि राज्य में हो रहे अवैध खनन और भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत करने को वे राज्यपाल से मुलाकात कर रही हैं। 

इसके पहले मार्च २१ के दिन, झारखंड विधानसभा बजट सत्र के 13वें दिन भाजपा विधायक मुख्यमंत्री सोरेन पर कोयला, बालू और पत्थर खनन की लीज अपने नाम करने का आरोप लगाते हुए सदन के बाहर हाथों में तख्ती लेकर प्रोटेस्ट करते नजर आए थे। 

इसके साथ ही विपक्ष भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग की थी। बीजेपी विधायकों का कहना है कि यह मुद्दा सदन के अंदर भी गरमाया रहेगा और बाहर भी क्यों की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

 विपक्ष के विरोध पर सरकार के मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंंत्री को भी अपनी दाल रोटी की चिंता करने का अधिकार है. भाजपा को लगता है कि वो सही है तो उचित प्लेटफार्म पर बातों को रखना चाहिए. सदन में हंगामा करने का कोई मतलब नहीं है.बाद में भाजपा के विधायक राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की थी।

अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने नाम पर पत्थर खनन की लीज ली है तो ए एक बड़ा आरोप है। उन्हें इसका जवाब तो देना होगा। हालाँकि अभी राज्यपाल रमेश बैस ने इस विषय पर क़ानूनी राय लेने की बात कही है।

सियासी गलियारे में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।सत्य ये है की अभी सिर्फ़ दो झामुमो विधायक - सीता सोरेन और लविंग हेंबरोम - ही बाग़ी दिख रहे है। सच ये भी है की पार्टी के १२ विधायक इन दोने के खिलाप बयान बाज़ी भी कर रहे है। इससे लगता है कि हेमंत सरकार के गिरने की कोई सम्भावना नही है।

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