लगभग छह माह से मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूरों में से 10 मजदूरों का पहला जत्था आज मंगलवार को वतन लौट आया.

और वे सब अपने अपने घर झारखंड में पहुँचने वाले है.

सूचना के अनुसार, शेष 20 मजदूरों को टिकट नहीं मिल पाया. इस कारण वे नहीं आ सके हैं. 10 मजदूर वतन वापसी के लिए मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर से सोमवार की देर शाम को ही उड़ान भर चुके थे. आज सुबह ये सभी चेन्नई पहुंचे और इसके बाद ये झारखंड पहुंचेंगे. 

मलेशिया में फंसे मजदूरों ने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र व राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. केंद्र और राज्य सरकार ने संज्ञान लिया. इसके बाद इन्हें वापस लाया जा रहा है.

मलेशिया से लौटने वालों में बगोदर, डुमरी व नावाडीह के मजदूर शामिल हैं. इनमें खेतको के विनोद कुमार, बासुदेव महतो, बुधन महतो, रामेश्वर महतो शामिल हैं, वहीं डुमरी के घूटबाली के विनोद महतो, सेवाटांड़ के देवानंद महतो, नावाडीह महुवाटांड़ के झरी कुमार, तिसकोपी के प्रेमलाल महतो, दशरथ महतो, बिष्णुगढ़ चानो के भुनेश्वर महतो शामिल हैं. 

सभी मजदूरों ने ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए पिछले साल मलेशिया गये थे, जहां मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं किया जा रहा था और बीजा पासपोर्ट कंपनी द्वारा रख लिया गया था. 

इसके बाद मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से वतन लौटने की गुहार भारत सरकार और राज्य सरकार से लगायी थी. इसे लेकर सरकार के द्वारा संज्ञान लिया गया था और मजदूरों का लौटना सुनिश्चित हो पाया.

( इन्पुट्स साभार प्रभात खबर) 

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