झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना का उद्देश्य राज्य के अल्पावधि कृषि ऋण धारक कृषकों को ऋण के बोझ से राहत देना है। योजना के तहत फसल ऋण धारक की ऋण पात्रता में सुधार लाना, नई फसल के लिए ऋण प्राप्ति सुनिश्चित करना, कृषक समुदाय के पलायन को रोकना और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है। इस लक्ष्य का पीछा करते हुए सरकार की इस योजना के 423 दिन पूर्ण हुए हो गये हैं। 

सरकार प्रतिदिन 906 किसानों को योजना का लाभ दे रही है। प्रतिदिन 3.34 करोड़ रुपए का ऋण माफ़ हो रहा है। 31 मार्च 2022 तक 3.83,102 किसानों के 1529.01 करोड़ रुपये के ऋण माफ़ किए गये हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,22,238 लोगों को योजना का लाभ दिया गया। इस वित्तीय वर्ष में कुल 494.96 करोड़ वितरित किये गए थे। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2,60, 864 किसान योजना से लाभान्वित हुए। इस वित्तीय वर्ष में 1034.05 करोड़ रुपये का भुगतान शुरू किया गया है।

किसान कॉल सेंटर बन रहा सहायक

सरकार किसान कॉल सेंटर के जरिये भी किसानों के कृषि ऋण माफ़ी योजना सम्बंधित समस्या का समाधान कर रही है। गिरिडीह निवासी दिलीप कुमार भारती ने अपने नाम से कृषि ऋण माफी के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अब तक इनका कृषि ऋण माफ नहीं हुआ था। इस संदर्भ में उन्होंने झारखंड सरकार की हेल्पलाइन सुर्वे शिकायत प्रबंधन प्रणाली (HSGMS) में शिकायत दर्ज करवाई। इसकी शिकायत संख्या - 2707 है। इसके बाद जिला कृषि पदाधिकारी-गिरिडीह से संपर्क करते हुए उनकी समस्या का समाधान सफलतापूर्वक कर दिया गया। दिलीप की ही तरह जामताड़ा के शिवनारायण मुर्मू, पलामू के पंचम बिहारीलाल गुप्ता समेत अन्य किसानों का ऋण माफ़ी से सम्बंधित समस्या का समाधान किया गया।

इन्हें मिल रहा योजना का लाभ

ऋण माफ़ी योजना के वे लाभुक हो सकते हैं,जो रैयत-किसान अपनी भूमि पर स्वयं कृषि करते है। गैर-रैयत-किसान, जो अन्य रैयतों की भूमि पर कृषि कार्य करते हैं। किसान झारखंड राज्य का निवासी होना चाहिए। किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। किसान के पास वैध आधार नम्बर होना चाहिए। एक परिवार से एक ही फसल ऋण धारक सदस्य पात्र होंगे। आवेदक मान्य राशन कार्डघारक होने चाहिए। आवेदक किसान केडिट कार्डघारक होने चाहिए। आवेदक को अल्पविधि फसल ऋणधारक होना चाहिए। फसल ऋण झारखण्ड में स्थित अर्हताधारी बैंक से निर्गत होना चाहिए। आवेदक के पास मानक फसल ऋण खाता होना चाहिए। दिवंगत ऋणघारक का परिवार। यह योजना सभी फसल ऋण धारकों के लिए स्वैच्छिक होगी।

निम्न श्रेणी के ऋणधारक इस योजना में शामिल होने के पात्र नहीं होंगे :-


राज्यसभा,/लोकसभा,/ विधानसभा के पूर्व एवं वर्तमान सदस्य ,/राज्य सरकार के पूर्व या वर्तमान मंत्री /“नगर निकायों के वर्तमान अध्यक्ष / जिला परिषद्‌ के वर्तमान अध्यक्ष, केन्द्र या राज्य, विभाग एवं इनकी क्षेत्रीय इकाई “राज्य सरकार के मंत्रालय /PSE एवं सम्बद्ध कार्यालय, सरकार के अधीन स्वायत्त संस्थाओं के सभी कार्यरत या सेवानिवृत्त पदाधिकारी एवं कर्मी तथा स्थानीय निकायों के नियमित कर्मी, सभी सेवानिवृत्त पेंशनधारी जिनकी मासिक पेंशन 10,000 /- रुपया या अधिक है, गत निर्धारण वर्ष 2020-21 में आयकर देनेवाले सभी व्यक्ति, सभी निबंधित डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं आर्किटेक्ट, जो प्रैक्टिस कर रहे हों।

"किसानों को योजना का लाभ देने हेतु हर संभव प्रयास किया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि सभी योग्य किसानों को योजना का लाभ प्राप्त हो। किसानों का सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इसको लेकर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है।" 

निशा उरांव, निदेशक, कृषि
 

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