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सोरेन परिवार फँसती जा रही है।ओर झारखंड मे एक ओर बड़ा संकट का बदल सोरेन परिवार पर उमड़ पड़ा है।
जैसा सब जान चुके हैं की सबसे पहले तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बड़ी।तब जब खदान पट्टा अपने नाम पर लेने के मामले में चुनाव आयोग ने उन्हें अयोग्य ठहराने को लेकर पहले ही नोटिस दिया।May 10 तक उनको जवाब देना है।
अब उनके विधायक भाई बसंत सोरेन को भी माइंस कंपनी का पार्टनर होने की शिकायत पर निर्वाचन आयोग का नोटिस आया है। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने ट्विटर पर लिखे संदेश में इसकी सूचना सार्वजनिक की है।
निशिकांत ने लिखा- एक नई सूचना दे रहा हूं। चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के छोटे भाई व विधायक बसंत सोरेन जी की सदस्यता समाप्त करने का स्पष्टीकरण पूछा है। इस नोटिस की प्रतिलिपि झारखंड भाजपा को भी दी गई है। बीजेपी इस मामले में शिकायतकर्ता है।
इससे पहले हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग ने नोटिस देकर यह पूछा है कि क्यों ने आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए। 10 मई तक सीएम हेमंत को अपना पक्ष रखने को कहा गया है। आयोग के मुताबिक जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 9ए के तहत हेमंत सोरेन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है।
फिलहाल झारखंड में सियासी हंगामा मचा है। भाजपा इस पूरे मामले में बेहद आक्रामक है। बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, दीपक प्रकाश आदि हेमंत सोरेन से इस्तीफा की मांग कर चुके हैं।
इधर संभावित कार्रवाई को लेकर भाजपा और झामुमो दोनों रेस हो गए हैं। सीएम हेमंत सोरेन की ओर से चुनाव आयोग को जवाब देने के लिए देश के जाने-माने वकीलों और विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। झामुमो ने कहा कि समय पर हेमंत सोरेन का जवाब दाखिल कर दिया जाएगा।
इससे पहले झामुमो ने विशेष दूत से हेमंत सोरेन को नोटिस भेजने पर चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाए हैं। जबकि झारखंड की सत्ता में भागीदार कांग्रेस ने स्प्ष्ट कहा कि संवैधानिक संस्था अपना काम कर रही है। कांग्रेस को चुनाव आयोग के नोटिस में कोइ साजिश नजर नहीं आती।