भ्रष्टाचार के आरोप झेल रही हेमंत सोरेन सरकार पूर्व मुख्य मंत्री रघुनाथ दास की बीजेपी सरकार के खिलाप एक हवाई तीर छोड़ा है। ओर वो तीर एक दूसरे तरह के भ्रष्टाचार का  पोल खोल सकती है। 

और शायद इसी को ध्यान में रखकर हेमंत सरकार राँची के धुर्वा इलाके में बने नए विधानसभा भवन एवं उच्च न्यायालय भवन के निर्माण में हुई  “अनियमितताओं” की जांच न्यायिक कमीशन से कराने की बात कही है। 

इसी के मध्य नज़र झारखंड में हेमंत सरकार ने इस बाबत आज मंगलवार को फैसला लिया है। तीन मंजिला विधानसभा इमारत का उद्घाटन 12 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। जबकि इसकी नींव पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2015 में रखी थी।

इससे पहले पिछले साल 2 जुलाई को सीएम सोरेन ने इन दोनों भवनों के निर्माण के दौरान बरती गई कथित वित्तीय अनियमितता की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से कराने का निर्देश दिया था।

इन दोनों भवनों का निर्माण पूर्ववर्ती भाजपा के रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में किया गया था। अपने निर्माण के पहले टेंडर प्रक्रिया के दौरान से ये इमारतें काफी चर्चा में रही है। झारखंड विधानसभा के निर्माण के बाद “आग लगने की घटना, सीलिंग गिरने का मामला या प्राक्कलन राशि में बढोत्तरी का मुद्दा “भी काफी चर्चा में रहा है।

झारखंड विधानसभा के नए भवन के निर्माण की लागत शुरुआत में 465 करोड़ से घटाकर 323.03 करोड़ कर दी गई थी। बाद में वास्तुदोष का हवाला देते हुए क्षेत्रफल बदलकर फिर से राम कृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को ही यह काम दिया गया। इस तरह कुल निर्माण राशि 136 करोड़ रुपए बढ़ गई।

वहीं झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन निर्माण में भी शुरुआती प्राक्कलन राशि 265 करोड़ रुपए थी। जैसे- जैसे काम बढ़ता गया राशि भी बढ़ती चली गई। हाईकोर्ट के इस नए भवन निर्माण में 697 करोड़ रुपए खर्च हुए। झारखंड हाई कोर्ट का निर्माण भी रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के द्वारा ही किया गया है।

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