मज़ाक़ नही। ये सत्य है। साथ ही साथ राँची के अधिकांश प्रखंडों में मामूली आंधी-बारिश के कारण 10 से 12 घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है। हल्की हवा चलने से भी कई जगहों पर लोकल फॉल्ट हो जाता है बोला जाता है ।जिसे सुधारने में बिजली विभाग को घंटों लग जाते हैं।

इस कारण लगातार बिजली की कटौती होती रहती है। इससे शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों अघोषित लोड शेडिंग जारी है।उदाहरण के लिए इन प्रखंड की बात जाने।

अनगड़ा, टाटीसिलवे और नामकुम क्षेत्र में पिछले शनिवार-रविवार और आज फिर शनिवार को आई आंधी-बारिश के कारण घंटो तक बिजली नहीं थी। इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

उपभोक्ता भीषण गर्मी से जूझते रहे, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बाधित हो गई। बड़े इलाके में लोगों का रात में सोना मुश्किल हो गया था। बिजली नहीं रहने के कारण लोगों को पानी की भी समस्या हुई। इससे त्रस्त लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ पिछले बुधवार को कैंडल मार्च निकाला था। इसके बाद से यहां स्थिति में कुछ सुधार नही है।

पिछले सप्ताह की आंधी-बारिश में इटकी, नगड़ी के क्षेत्र में कई पोल गिर गए थे। इस कारण दोनों प्रखंडों में करीब 20 से 25 घंटे तक बिजली नहीं थी। अभी भी दोनों प्रखंडों में लोड शेडिंग होती है, इसके कारण हर एक-दो घंटे में बिजली कट जाती है। ग्रामीणों ने कहा कि मामूली फॉल्ट को सुधारने में भी विभाग के लोगों को काफी समय लग जाता है, इसके कारण बिजली कटी रहती है।

राहे प्रखंड की सात पंचायत के लोग बिजली की लचर व्यवस्था से त्रस्त हैं। यहां हर एक घंटे में लोड शेडिंग की जाती है। वहीं प्रतिदिन शाम में दो घंटे के लिए शटडाउन लिया जाता है। बढ़ती गर्मी में बिजली नहीं रहने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। लोग रात भर सो नहीं पाते हैं, वहीं बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। किसान खेतों में सिंचाई को लेकर चिंतित हैं। 
प्रखंड के चंदनडीह सब स्टेशन में एक फीडर का केबल जल गया है, इस कारण एक ही फीडर से काम चलाया जा रहा है। दूसरे फीडर की मरम्मत पर विभाग का ध्यान नहीं है। इधर, विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जितनी बिजली प्रखंड को मिलती है, उसी हिसाब से आपूर्ति की जाती है। ग्रामीणों ने बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए कई बार ज्ञापन सौंपा, परंतु कोई सुधार नहीं हुआ।

बेड़ो प्रखंड में इन दिनों बिजली की स्थिति में कुछ सुधार है। हालांकि यहां भी बिजली कब चली जाएगी, कहा नहीं जा सकता। यहां बिजली 10 मिनट से लेकर घंटे-दो घंटे तक कटी रहती है। दिन में बिजली की स्थिति कुछ ठीक रहती है, परंतु रात में हर दिन बिजली कटना नियति बन चुकी है। बेड़ो में हर दिन करीब 5-6 घंटे की बिजली कटौती हो रही है। 

रांची विद्युत एरिया बोर्ड के जीएम पीके श्रीवास्तव ने कहा, 'रांची के शहर और ग्रामीण इलाकों में आंधी-बारिश से 20 से 30 पोल टूट गए हैं। इस कारण बिजली आपूर्ति में परेशानी हो रही है। कल ही मैंने 40 पोल रिलीज किया है। मरम्मत का काम जारी है, उम्मीद है जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।'

मतलब साफ़ है। अभी गर्मी के दिनों में ऐसी बिजली की क़िल्लत है। और आने वाली बारिश की सीज़न में तो आंधी-बारिश और होगी। साथ में हर दिन बिजली के तार और पोल टूट के गिरने लगेंगे और हेमंत सरकार चुप देखती रहेगी। “और उनके प्रवक्ता बोलेंगे -तार और पोल का टेंडर निकल रहा है...”

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