आज की ताज़ा खबर :झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मुखर विरोधी भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और पूर्व मुख्य मंत्री रघुवरदास आज पूरे ज़ोर सोर से अटैकिंग मुद्रा में दिख रहे हैं।
वही मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन बिल्कुल खामोश दिख रहे हैं।
पहले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को सुनिए।वे हेमंत सोरेन के खिलाप अपने ट्वीट में बॉलीवुड की ब्लॉक बस्टर, ऑल टाइम फेवरेट शोले फिल्म के मशहूर डायलॉग लिखा है -“अब तेरा क्या होगा रे कालिया? को शामिल किया है। निशिकांत दुबे ने ट्विटर पर अपने संदेश में लिखा- अब तेरा क्या होगा रे कालिया? हुजूर मैंने आपका नमक खाया है? अब गोली खा... “
इसके बाद भाजपा सांसद ने एक और ट्वीट किया, लिखा- “मुख्यमंत्री के दरबारियों में हड़कंप, सारे मैनेजर फरार, दलालों ने विदेश का रुख किया। भाजपा सांसद ने लिखा है कि झारखंड में साहब के वकील व मैनेज करने वाले आए थे हरिभजन को औटन लगे कपास, झारखंड हाईकोर्ट के आदेश से तो अब खाना भी गोरगट्टा लगता है। जय जोहार। वैसे भी झारखंड माल मुद्रा पार्टी के पहले विधायक साइमन मरांडी जी तो टेंशन में भुलाइए गए। इसके बाद अभी-अभी निशिकांत दुबे ने लिखा- साहिबगंज जिले से अच्छी खबर आ रही है...।”
भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों में जेल भेजी गईं आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल पर बीते दिन मुंह खोलने के बाद आज उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा हमला बोलते हुए बेहद कड़ी टिप्पणी की। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र में 8 साल पूरे होने पर राँची में आयोजित कार्यक्रम में रघुवरदास ने अपनी 5 साल की पूर्ववर्ती झारखंड सरकार की जमकर तारीफ की और एक कड़वी बात हेमंत सोरेन के ख़िलाफ़ की।
उन्होंने कहा -“! जो अपने बाप का नहीं हुआ, वो किसी और का क्या होगा? संदर्भ देते हुए कहा कि हेमंत सोरेन ने गुरुजी, शिबू सोरेन के लिए एक विधानसभा सीट तक नहीं छोड़ा। तब तड़पकर रह गए थे गुरुजी। और मैं इसका चश्मदीद गवाह हूं।
इसके अलावा रघुवर ने बिना नाम लिए कहा” मैंने हेमंत सोरेन के जो दो भोंपू हैं, रोहिंग्या बांग्लादेशी उन सब को प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि रघुवर दास का मुंह बंद रखाओ, ये खुल जाएगा तो...”
ये दोनो भाजपा नेता हेमंत सोरेन पर हमलावर है। कब? सिर्फ़ दो दिन बाद जब झारखंड हाई कोर्ट ने माइनिंग लीज मामले और शेल कम्पनियों में निवेस मामले को झारखंड सरकार और हेमंत सोरेन के दलील को ख़ारिज कर दिया था और जून १० को इन मामलों में मेरिट पर सुनवाई करने का आदेश पारित किया था।
इस समय मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने इनके कठोर वक्तव्यों पर अपनी टीपनी नही की है। वे और उनके सहयोगी झारखंड हाई कोर्ट के निर्णय से निपटने की तैयारी में जुटे प्रतीत होते है।