झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनी में निवेश और सीएम को लीज आवंटन के खिलाफ दाखिल याचिकाओं के मेरिट पर हाई कोर्ट के फैसले को सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। बताया जा रहा है कि नौ जून को सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दाखिल की जाएगी।

इससे पहले तीन जून को झारखंड हाई कोर्ट ने दोनों याचिकाओं की मेंटनेबिलिटी पर फैसला सुनाते हुए याचिका को सुनवाई योग्य माना था। हाईकोर्ट में 10 जून को इस मामले की सुनवाई भी होनी है। इस मामले में प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किए जाने की बात कही जा रही है, इस मामले में सुनवाई के दौरान उनका भी पक्ष सुना जा सके।

प्रार्थी शिवशंकर शर्मा ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके भाई विधायक बसंत सोरेन और कई करीबियों ने शेल कंपनियों के माध्यम से निवेश किया है। उक्त राशि से कई राज्यों में उनके माल, होटल और दूसरे कारोबार चल रहे हैं। प्रार्थी ने मामले की जांच सीबीआइ और ईडी से कराने की मांग की है। प्रार्थी ने इस मामले में दोनों को प्रतिवादी भी बनाया है।

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