गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर सत्यानंद योग मिशन केन्द्र,राँची की ओर से आईएएस ऑफिसर्स क्लब एवं बसंत बिहार स्थित सत्यानंद योग मिशन केन्द्र,सरोवर एन्क्लेव में गुरुपूर्णिमा महोत्सव को धूमधाम से मनाया गया। प्रातःगणेश स्तोत्र और गुरु स्तोत्र के साथ गुरु पूजा, आराधना, सौंदर्य लहरी ,ध्यान और कीर्तन हुआ। 

गुरु भक्ति योग में संन्यासी मुक्तरथ जी ने आये हुए सभी साधकों और योग जिज्ञासुओं को ध्यान कराये, जीवन में गुरु की आवश्यकता पर एक सत्संग दिए। उन्होंने कहा मैं ऐसे गुरु का शिष्य हूँ जिनको कोई एकेडमिक डिग्री नहीं है,किसी विद्यालय में पढ़ने नहीं गये पर बिहार स्कूल ऑफ योग मुंगेर के प्रिंसिपल रहे, दुनियाँ का कीर्तिमान योग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं और उनकी सैकड़ों लिखी हुई पुस्तकें बड़े-बड़े यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जाती है,उनका नाम है स्वामी निरंजना नन्द सरस्वती। जो विश्व के आधुनिकतम साइंस के साथ अध्यात्म का समावेश कर एक नई राह दिखलाने का काम किये हैं,यह रास्ता है समग्र स्वास्थ्य के साथ चेतना का विकाश। 

 

एक समर्थ गुरु ही संसार के इस महासमर से पार लगा सकते हैं। क्योंकि हम छोटे बुद्धि वाले और संकीर्ण सोच वाले मानव जीवन भर भटकाव की स्थिति में ही चलते रहते हैं जिससे जीवन के सामने काले बादल छाये रहते हैं ,इसे प्रकाशित करने वाले केवल गुरु ही होते हैं। इसीलिए गुरु का स्थान भगवान से भी ऊँचा है। ईश्वर का मार्ग गुरु ही दिखला सकते हैं, मोक्ष की प्राप्ति गुरु के बिना संभव नहीं है। जीवन आसक्ति रहित हो और प्रेमपूर्ण हो यह तो तभी सम्भव है जब हमारे जीवन में ज्ञान का उदय होगा।

कार्यक्रम में सत्यानंद मिशन से जुड़े भक्त,योगाभ्यासी एवं प्रशासनिक स्तर के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। 

मुक्तरथ जी ने "पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया। जय बोलो श्रीगुरुदेव की आनंद में आनंद में..... ,गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरुर देवो महेश्वर......, गुरु मंगलम गुरु पाद मंगलम... आदि कीर्तन से सभी लोग सराबोर हो गये।

अपराह्नकालीन सत्र में योग केन्द्र में योगनिद्रा एवं अजपा जप मेडिटेशन तथा गायत्री और महामृत्युंजय मंत्रों से हवन हुआ ।

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