महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री श्रीमती जोबा मांझी ने कहा कि हम सभी को ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जागरूक करने का काम करना है। उनके बीच जो भ्रामक तथ्य प्रचलित हैं, उसे खत्म करना है। 1 अगस्त से 7 अगस्त तक चलने वाले इस विश्व स्तनपान दिवस को केवल 1 सप्ताह के लिए नहीं, अपितु साल के 365 दिन तक करना है। गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं को इसके महत्व के बारे में बताना है। वे आज डोरंडा के पलाश सभागार में "विश्व स्तनपान सप्ताह" के शुभारंभ पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं। इस अवसर पर मंत्री ने 7 बच्चों को अन्नप्रासन कराया एवं कर्यक्रम से संबंधित जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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श्रीमती जोबा मांझी ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हमें गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के बीच यह संदेश प्रसारित करना है कि जो महिलाएं बच्चे को जन्म देती हैं, उन्हें बच्चे के जन्म के 1 घंटे के अंदर ही माँ का पहला दूध पिलाया जाए। यह दूध बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि समाज को जागरूक करना है कि माँ, अपने बच्चे के पहले 6 महीने में अपने दूध के अलावा कोई आहार न दें, उसमें ही बच्चे के लिए जरूरी पोषक तत्व उपलब्ध रहते हैं। 6 महीने के बाद ऊपरी आहार सही मात्रा और सही पोषक तत्व के साथ देना आवश्यक है। साथ ही 2 साल तक स्तनपान के साथ पोषक आहार देना चाहिए जिससे बच्चे स्वस्थ रह सकें।

श्रीमती जोबा मांझी ने कहा कि एनीमिया मुक्त, कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण हो सके इसके लिए लोगों को जागरूक करना बहुत आवश्यक है। जागरूक होने से ही बच्चों की मृत्यु दर में कमी आएगी एवं स्वस्थ बच्चों से ही स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि किशोरियों को भी सही दिशा देने का काम करना है। एनीमिया, कुपोषण का जड़ हमारी बालिकाओं को सही ढंग से पोषण प्राप्त नहीं होना है। बालिकाओं को स्वस्थ रखने, उनको एनीमिया से मुक्त कराने एवं उनका सही समय पर शादी हो एवं परिपक्व शरीर में वे गर्भधारण करे इसकी शिक्षा देना आवश्यक है।

मंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका एवं सहिया बहनें ही सभी सरकारी कार्यक्रमों एवं लोगों के बीच सूत्रधार के रूप में काम करती हैं। आप सभी संयुक्त रूप से सभी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें। राज्य की महिलाओं एवं बच्चों को स्वस्थ और कुपोषण मुक्त बनाने में आपकी भूमिका अहम है।

इस अवसर पर गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के बीच स्तनपान से संबंधित भ्रांतियों को दूर करने एवं इससे बच्चे, महिला एवं समाज को होनेवाले फायदों के बारे में बताया गया।

कार्यक्रम में निदेशक समाज कल्याण श्री छवि रंजन, निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री भुवनेश्वर प्रताप सिंह, उप निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री राघवेंद्र नारायण शर्मा, समाज कल्याण विभाग के पदाधिकारी एवं आंगनबाड़ी सेविकाएं उपस्थित रहीं।

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