आदिवासी समाज के लिए आज से शुरू युवा झारखंड जनजातीय महाेत्सव एक ईतिहासिक पहल है।इसका पूरा श्रेह मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन को जाता है।उन्होंने ही इसकी रूप रेखा को अंजाम दिया। 

उद्देश्य बिलकुल साफ़।आदिवासी समुदाय के समाज, कला,उनकी लोक संस्कृति,और साहित्य को उजागर कर उनमें जागरूकता लाना।

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उसी विज़न को धरातल में लाकर शुरू हुवा झारखंड जनजातीय महाेत्सव। स्थल झारखंड की राजधानी रांची। दिन विश्व आदिवासी दिवस के एक दिन पहले।

दूसरी बात ये है की झारखंड जनजातीय महाेत्सव में  देश के कई आदिवासी विशेषज्ञ और कलाकारों का शानदार जमघट लगा हुआ दिखा है। दो दिवसीय इस महोत्सव में आदिवासी समुदाय के कलाकार अपनी लोक संस्कृति, कला और साहित्य से लोगों को रूबरू करा रहे हैं। 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज इसका विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में दिशोम गुरु शिबू सोरेन समेत बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस आयोजन को लेकर लगातार टवीट कर रहे हैं। उन्होंने टवीट कर लिखा है कि झारखंड जनजातीय महोत्सव के दो दिवसीय आयोजन में देश के विभिन्न कोने से प्रबुद्धजन, संगीतकार, नृत्य मंडली, रॉक बैंड समेत अनेक आदिवासी कलाकार प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य के इतिहास में पहली बार समृद्ध आदिवासी जीवन की झलकियां यहां देखने को मिल रही है।

उन्होंने टवीट कर जानकारी दी है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड के लोगों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। इसमें उन्होंने कहा है कि विश्व आदिवासी दिवस पर समस्त आदिवासी समाज को बहुत बहुत बधाई। 

यह जानकार खुशी हो रही है कि झारखंड में पहली बार रांची में झारखंड जनजातीय महोत्सव का शानदार आयोजन हो रहा है। आदिवासी समाज की संस्कृति, कला, परंपरा का भारतीय समाज में बहुत बड़ा योगदान है। यह हम सब के लिए गर्व की बात है।

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