एक तरफ़ चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन के विधायिका को रध कर उनको मुख्य मंत्री के पद से हटने को बाध्य कर दिया है.दूसरी तरफ़ उनके पिता ओर जेएमएम के सुप्रीमो शिबू सोरेन पर केंद्रीय लोकपाल का शिकंजा कसता जा रहा है.

आज केंद्रीय लोकपाल में जेएमएम सुप्रीमो सह सांसद शिबू सोरेन के बुलाए जाने के बावजूद वे हाज़िर नही हुए. ओर अपने अधिवक्ता के माध्यम से आय से अधिक संपत्ति मामले पर अपना पक्ष रखे.

गुरुजी को 25 अगस्त को केंद्रीय लोकपाल की तीन सदस्य पीठ के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत करना था. केंद्रीय लोकपाल में गुरूजी के खिलाफ पांच अगस्त 2020 को शिकायत दर्ज की गयी थी, जिसमें शिबू सोरेन और उनके परिवार द्वारा कथित तौर पर गैर कानूनी साधनों के जरिए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया था. 

शिकायत में यह भी कहा गया था कि सोरेन परिवार ने झारखंड में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्ट तरीके से व्यापसायिक और आवासीय संपत्तियां अर्जित की है. 

लोकपाल की ओर से यह नोटिस जस्टिस अभिलाषा कुमारी (न्यायिक सदस्य) और तीन सदस्यों की पीठ जिसमें महेंद्र सिंह और इंद्रजीत पी गौतम की बेंच शामिल है ने चार अगस्त को सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया था. इसमें लोकपाल अधिनियम की धारा 20 (3) के तहत शिबू सोरेन को पेश होने का नोटिस दिया गया था.

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