देश का राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के मामले में झारखण्ड सरकार के विभिन्न विभागों के द्वारा 2017 से अब तक 1000 करोड़ से ज्यादा की खरीदारी हो चुकी है। राँची में आज जेम विक्रेता संवाद के दौरान ये जानकारी अमरदीप गुप्ता निदेशक, गवर्मेंट-इ -मार्किटप्लेस (जेम) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने दी। उन्होंने बताया कि जैम एक प्रारंभ से अन्त तक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है इसे 9 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री के विजन के रूप में लॉन्च किया गया था।
जेम पोर्टल का एक मुख्य उदेश्य देश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम व्यवसावियों को एक ऑनलाइन मार्किटप्लेस उपलब्ध करना है जिससे वो सरकारी खरीदारी में भाग लेकर अपने व्यापार को बढ़ा सके।
 जैम विक्रेताओं के साथ बातचीत करने और उन्हें नई जेम सुविधाओं के बारे में जागरूक करने के लिए पत्र सूचना कार्यालय के सहयोग से राष्ट्रीय विक्रेता संवाद' आयोजन के तहत आज राँची में जेम विक्रेता संवाद का आयोजन किया । मौके पर ब्रजेश कुमार क्षेत्रीय प्रबंधक, जैम और ओंकार नाथ पाण्डेय, कार्यालय प्रमुख, पीआईबी, राँची उपस्थित रहे।
जैम विक्रेता संवाद के अवसर पर जैम के निदेशक अमरदीप गुप्ता ने कहा कि जेम को सार्वजनिक खरीद को पुनः परिभाषित करने के लिए जाना जाता है और यह सरकारी खरीदारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा खरीद के तरीके में आमूल-चूल परिवर्तन लाने में सक्षम है। जेम संपर्क विहीन पेपरलेस और कैशलेस है और यह तीन स्तरों दक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता पर खड़ा है।
उल्लेखनीय है कि वित्तवर्ष 21-22 में जैम-पोर्टल के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के ऑर्डर विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा सम्पादित किये गए। कुल मिलाकर, जेम ने अबतक 3.02 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के व्यापारिक लेनदेन के आकड़े को पार
कर लिया है। यह पूरे देश में खरीदारों और विक्रेताओं सहित सभी हितधारकों के समर्थन से ही संभव हुआ है।
जेम पर पंजीकृत सरकारी विभागों एवं विक्रेता के सम्बन्ध में अमरदीप गुप्ता ने बताया कि जैम के खरीदार आधार में केंद्र और राज्य सरकार के सभी विभाग सहकारी समितियां और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम शामिल है। बड़ी कंपनियों और समूहों से शुरू होकर, विक्रेता आधार में देश भर से महिला उद्यमी स्वयं सहायता समूह और एमएसएमई विक्रेता शामिल हैं। जेम के विक्रेता आधार की विषम प्रकृति स्पष्ट रूप से 'समावेशीता' के संस्थापक स्तंभ को दर्शाती है।
इसके अलावा, एमएसएमई और स्वयं सहायता समूहों के लिए सहज ऑनबोर्डिंग अनुभव सुनिश्चित करने के लिए जेमपोर्टल पर विशेष प्रावधान किए गए हैं। गौरतलब है कि 62 हजार सरकारी खरीदार और 50.90 लाख विक्रेता और सेवा प्रदाता जेम पोर्टल पर पंजीकृत है।
मौके पर श्री गुप्ता ने जेम विक्रेताओं को आगे आकर अपने अनुभव साझा करने का अनुरोध किया। झारखण्ड की महिला उद्यमी ममता प्रसाद ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने जैम पर अपना रजिस्ट्रेशन कोरोना काल 2019 में करवाया जब विभागों में आने जाने पर रोक थी, परन्तु जेम प्लेटफार्म के माध्यम से ना सिर्फ झारखण्ड बल्कि अन्य राज्यों, केंद्र के सरकारी विभागों द्वारा निकाली गयी निविदा में भाग लेना संभव हो पाया उन्होंने बताया की अब तक वो 1 करोड़ से अधिक के आर्डर सफलता पूर्वक निस्पादित कर चुकी हैं।
प्रलाव इंटरप्राइजेज के प्रदीप कुमार गुप्ता ने जेम द्वारा सेलर संवाद आयोजित करने को एक स्वागत योग्य कदम बताया। खासकर के स्टार्टअप्स के लिए जेम पोर्टल अत्यंत सहायक है, क्योकि इस पोर्टल के माध्यम से एक उच्च स्तर का मार्केट प्लेस स्टार्टअप्स के पहुँच में है। प्रदीप ने बताया की जेम पोर्टल ने भारत सरकार की उन सारी नीतियों को समाहित किया है जो स्टार्ट अप एवं एमएसएमई को लाभ पहुँचाने के लिए बनायीं गयी हैं, जैसे की टर्नओवर एवं अनुभव जैसी शर्तों में छूट इत्यादि।
झारखंड के ही एक विक्रेता मुरलीधर श्रीवास्तव ने बताया कि जेम पोर्टल के कारण ही वो आज अपनी हाउस किपिंग सेवाएं आईआईटी धनबाद जैसी प्रतिष्ठित संस्था को पहुंचा पा रहे हैं। अब वो राज्य के बाहर अपने व्यापार को जेमपोर्टल के माध्यम से बढ़ा पा रहे है ।
विक्रेता ने अपने अनुभव शेयर करते हुआ बताया की जेम पोर्टल के मध्यम से उनकी पहुँच केंद्रीय विभागों तक भी हो गयी है। उन्होंने जेम पोर्टल के आने से सरकारी खरीदारी में जो पारदर्शिता आयी है, उसकी भी खूब प्रशंसा की ।