केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के दिशा निर्देश में संसदीय संकुल विकास परियोजना के अंतर्गत जनजातीय युवक युवतियों के कौशल विकास एवं उद्यमिता सशक्तिकरण हेतु पहल के अंतर्गत दूसरे चरण में चार राज्यों के 165 सफल जनजातीय युवा ग्रामीण उद्यमियों को ट्रेनिंग पूर्ण करने पर प्रमाण- पत्र वितरण समारोह आज गुरुवार को रांची विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित किया गया। इस भव्य दीक्षांत कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के गवर्नर श्री रमेश बैस एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने किया।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री समीर उरांव, एमएसडीई मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्री बी. एल. संतोष, विकास भारती संस्था के सचिव श्री अशोक भगत, के अलावा कई गणमान्य जनप्रतिनिधियों की भी उपस्थिति रही।

अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि युवा विकास सोसायटी एवं सेवा भारती संस्थान ने राज्य के जनजातीय युवकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 अगस्त से ही गुमला केंद्र में प्रशिक्षित कर रहे हैं। पलायन को रोकना भी इस कार्यक्रम का एक मुख्य उद्देश्य है ताकि युवा स्थानीय रूप में खुद के लिए रोजगार सृजित कर पाए। 

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संसदीय संकुल परियोजना के तहत देश के कई राज्यों में परियोजनाएं चलाई जा रहीं हैं, और देश भर में 77000 परिवारों को इसके जरिए लाभान्वित करने का लक्ष्य है। इसी के तहत हजारों परिवारों को किसान क्रेडिट कार्ड व आयुष्मान स्वास्थ्य योजना से जोड़ा गया है। 15000 किसान परिवारों को लाभ देकर पलायन रोकने की दिशा में कार्य किया गया है। साथ ही अब यह भी देखा जा रहा है कि कई लोग शहरों की गंदगी, मारा मारी से परेशान होकर गांव की तरफ मुड़ रहे हैं, और खेती में अपना भविष्य देख रहे हैं। जब पढ़े, लिखे प्रशिक्षित लोग गांव में जाएंगे, बिजनेस चलाएंगे तो गांव का विकास अपने आप हो जाएगा।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य ‘स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और गांवों से पलायन एवं आजीविका के अवसरों के लिए शहरों पर निर्भरता कम करना है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य स्थानीय स्तर पर रोजगार/स्वरोजगार और उद्यमशीलता के लिए नए अवसर पैदा करना है ताकि आदिवासी युवा अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें, अपने लिए और दूसरों के लिए आजीविका के अधिक से अधिक अवसर पैदा कर सकें।

सफल हुए 165 विद्यार्थियों को पांच विषयों-बिजली और सौर ऊर्जा, कृषि मशीनीकरण, ई-गवर्नेंस, प्लंबिंग और चिनाई, दोपहिया वाहनों की मरम्मत और रख-रखाव में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

सांसद श्री समीर उरांव ने कहा कि। इस योजना को सफल बनाने के लिए ' कन्वर्जेंस ' का सरकार सहर लेगी कैसे किसी क्षेत्र में कुछ खास स्कीमों के जरिए बेहतर परिणाम दिए जा सकते है, हर आदिवासी क्षेत्र में वहा की जरूरत और वस्तु स्थिति के अनुसार से ही वहां के युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वो अच्छे से अपना काम सफलता पूर्वक अपने यह ही रहकर आगे बढ़ा सकें।

एमएसडीई के सचिव श्री तिवारी ने कहा कि इस कार्यक्रम से आदिवासी युवाओं को कुशल ईवा आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। और वो अपने क्षेत्र के आर्थिक ईवा सामाजिक विकास में अपना योगदान दे पायेंगे। और एक नए तरीके से नया जीवन जिएं, यही हमारे मंत्रालय का इस कौशल विकास परियोजना से लक्ष्य है।

बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्री संतोष ने अपने संबोधन में कहा की इस कार्यक्रम का लक्ष्य खेती से 100 दिनों के साथ ग्रामीण युवाओं को ऐसी स्किल देना ताकि वो 150- 200 के शेष दिनों में अपने परिवार के पास गांव में ही रहकर, अपनी संस्कृति से जुड़कर रोजगार कर सकें, उनका पलायन ना हो।

ग्रामीण उद्यमी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का पायलट प्रोजेक्ट इस साल मई में मध्य प्रदेश के भोपाल में शुरू किया गया था और पांच राज्यों (मध्यप्रदेश के अलावा, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट) को इसमें शामिल कर लिया गया है।

पहले चरण के दौरान 152 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था, जिनमें से 132 ने सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा किया और उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

अगले चरण (चरण 1.2) चार राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा में कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा करने वाले कुल 165 उम्मीदवारों को आज रांची में आयोजिय इस कार्यक्रम में प्रमाण पत्र दिए गए।

अगले चरण (चरण 1.3) में सिर्फ महिला समूहों के लिए जल्द ही अक्टूबर-नवंबर तक गुमला (झारखंड) में कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा, जिसके लिए 153 महिलाओं का पहले ही नामांकन कर लिया है।

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