पहले जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य पुरस्कार समारोह और बहुभाषाई आदिवासी-देशज काव्यपाठ के अवसर पर कल रांची में आदिवासी साहित्यकारों का जुटान होगा। अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के साहित्यकार इस समारोह के मुख्य आकर्षण होंगे। यह जानकारी झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा की महासचिव वंदना टेटे ने दी। समारोह 6 नवंबर की सुबह 10 बजे से रांची प्रेस क्लब के हॉल में शुरू होगा।
श्रीमती वंदना टेटे ने बताया कि समारोह की शुरुआत भारत के तीन युवा व वरिष्ठ आदिवासी लेखकों के सम्मान से होगा। समारोह का उद्घाटन जम्मू-कशमीर के वरिष्ठ गोजरी आदिवासी साहित्यकार जान मुहम्मद हकीम करेंगे।
सम्मान के बाद बहुभाषाई काव्यपाठ का आयोजन किया जाएगा जिसमें डॉ. सावित्री बड़ाईक, डॉ. अनुज लुगुन और सुंदर मनोज हेम्ब्रम सहित झारखंड के 16 कवि आदिवासी एवं देशज भाषाओं में कविताओं का पाठ प्रस्तुत करेंगे। इस सत्र की शुरुआत फ्रांस की डॉ. जुडिथ मिराशी-बराक और लंदन की डॉ. निकोले थायरा के उद्बोधन से होगी। समारोह में पुरस्कृत लेखकों और झारखंड के अनेक आदिवासी व देशज साहित्यकारों सहित जयपाल, जुलियुस और हन्ना बोदरा के वंशजों की भी भागीदारी रहेगी।ये सूचना कृष्णमोहनसिंह मुंडा प्रवक्ता, झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा रांची (झारखंड) द्वारा प्राप्त हुआ।
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