कल जल्द आएगा। ये दिन सोरेन परिवार के भविष्य से जुड़ी है। क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लीज आवंटित करने और उनके भाई बसंत सोरेन के करीबियों द्वारा अवैध कमाई को शेल कंपनी में निवेश करने के खिलाफ याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने 17 अगस्त को हेमंत सोरेन और झारखंड राज्य सरकार की अपील याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

प्रार्थी शिवशंकर शर्मा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ गलत तरीके से खनन लीज आवंटित कराने और उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनी में निवेश का आरोप लगाते हुए झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। 

सरकार और हेमंत सोरेन ने याचिका सुनवाई योग्य नहीं होने का मुद्दा उठा था। हाई कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए दोनों याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना था। बाद में सरकार और हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

झारखंड सरकार और हेमंत सोरेन की ओर से कहा दावा किया गया है कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि इसमें किसी प्रकार का साक्ष्य नहीं दिया गया है।

लेकिन ईडी ने कई दस्तावेज सीलबंद कर हाई कोर्ट को सौंपी है। सौंपे गए दस्तावेज सरकार को नहीं दिए गए हैं। 

ऐसे में इस याचिका की सुनवाई नहीं की जा सकती। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले को खारिज किया था। 17 अगस्त को सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और फैसला आने तक झारखंड हाई कोर्ट में दोनों याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगा दी थी।

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