*आदिवासी नेता गण मोरहाबादी मैदान राँची में रैली को संबोधित किया और सरना धर्म कोड की माँग की रविवार को

सरना धर्म कोड को लेकर आज मोरहाबादी मैदान में आदिवासियों का जुटान हुआ. ये कुछ आदिवासी नेता गन के द्वारा सरना धर्म रक्षा अभियान के बैनर तले प्रदर्शन करने के लिए रविवार को रांची में एकत्र हुए थे.साथ ही विभिन्न आदिवासी संगठनों की सरना धर्म कोड रैली का आयोजन किया गया. 

इस रैली में झारखंड सहित नेपाल, भूटान, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और बिहार के आदिवासी भी शामिल हुए हैं. ये आदिवासी के नेता गन इस रैली के जरिये आदिवासी संगठन केंद्र सरकार और भाजपा से सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं.
 
वहीं इस रैली में कर्मा उरांव, रवि तिग्गा, बालकु उरांव, अजित टेटे, नारायण उरांव, रेणु तिर्की, निर्मल मरांडी, भगवान दास, सुशील उरांव, अमर उरांव सहित कई लोगों ने संबोधित किया. वहीं सभी ने एक साथ आह्वान किया कि कोड नहीं तो वोट नहीं. 

झारखंड सरकार ने 11 नवंबर 2020 को झारखंड विधानसभा से पारित करके सरना धर्मकोड  प्रस्ताव भेजा है. इसे केंद्र सरकार अविलंब लागू करें.

देश में 12 करोड़ से अधिक आदिवासी रहते हैं,  पूरे देश में करीब 700 जनजातीय समुदाय हैं. आदिवासियों को हिंदू बनाने की साजिश बंद हो.

*पेसा कानून और टीएसी मजबूती से लागू हो.
*आदिवासियों के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जमीन को चिन्हित करके उसे सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए राज्य सरकार राशि का आवंटन करें.
*आदिवासियों की जमीन पर वाहनों का अवैध कब्जा हो रहा है. सादा पट्टा पर अवैध तरीके से जमीन की खरीद बिक्री हो रही है. जमीन संबंधी रिकॉर्ड से ऑनलाइन छेड़छाड़ हो रहा है. इसे रोकने के लिए राज्य सरकार पहल करे.
*आदिवासी महिला गैर आदिवासी पुरुष से विवाह करती है तो उस महिला को आदिवासी स्टेटस अधिकार से पूरी तरह वंचित किया जाये.
*झारखंड में वन पट्टा कानून की स्थिति बहुत लचर है. अब तक 25% लोगों को भी वन अधिकार कानून के तहत वन पट्टा नहीं मिला है. राज्य सरकार जल्द से जल्द इसे देने का काम करे.
*रघुवर दास की सरकार ने गांव के उपयोग की जमीनों को लैंड बैंक बनाकर अधिग्रहण करने का काम किया है. इसलिए सरकार लैंड बैंक कानून को वापस ले.
 

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