नियोजन नीति को लेकर युवाओं ने पहले भी आंदोलन किया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी आंदोलन किया था। इसके बाद बजट सत्र के दौरान भी आंदोलन किया। अब एक बार फिर राज्य के आदिवासी युवाओं ने 23 मार्च को 60:40 नियोजन नीति का विरोध और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर आंदोलन करेंगे॥

इन युवावों का कहना है की वे 60:40 नियोजन नीति का विरोध और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर राज्य के युवा एक बार फिर आंदोलन करेंगे।

आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली गयी है। आंदोलन को झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन लीड करेगा। झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन प्रमुख देवेंद्रनाथ महतो ने बताया कि इस तीन दिवसीय आंदोलन को आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी सेंगेल अभियान, आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच, आदिवासी जन परिषद और झारखंड युवा मंच समर्थन दे रहा है।

आज हुई बैठक में 72 घंटे के आंदोलन कार्यक्रम को तय किया गया। आंदोलन की तय रूपरेखा के मुताबिक 17 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। वहीं 18 अप्रैल को बंद की पूर्व संध्या पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 19 अप्रैल को झारखंड बंद किया जाएगा। इस दिन राज्य भर के युवा सड़क पर उतरेंगे और राज्य सरकार की पॉलिसी का विरोध करेंगे।

आज आंदोलन की रूपरेखा की बाबत हुई बैठक के बाद छात्र नेताओं ने कहा कि हम न पक्ष पर भरोसा कर रहे हैं और न ही विपक्ष का भरोसा कर रहे हैं। दोनों ही पार्टियों की सरकार बनी, लेकिन ठगे गए केवल राज्य के युवा। छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि हम दलगत भावना से ऊपर उठ कर आंदोलन कर रहे हैं। हमारा आंदोलन ऐतिहासिक और निर्णायक होगा। उन्होंने कहा कि अब हक के लिए लड़ना ही होगा। हमारे आंदोलन को न केवल युवा बल्कि राज्यभर के युवाओं के अभिभावकों का भी समर्थन मिल रहा है।

 

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