7वें राष्ट्रीय पोषण माह 2024 का समापन समारोह आज रांची, झारखंड स्थित शौर्य सभागार में, श्री संतोष कुमार गंगवार, राज्यपाल, झारखंड की गरिमामय उपस्थिति में आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम में श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, माननीय केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुई, वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार और झारखंड राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी गणों की मौजूदगी भी रही। 

कार्यक्रम के दौरान पोषण माह पर एक फिल्म, जो एक महीने तक चलने वाले समारोहों के दौरान देश भर में हुई विभिन्न जन संवेदीकरण पहलों को प्रदर्शित करती है, दर्शकों को दिखाई गई। 

इसके बाद राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी बच्चों के अन्नप्राशन समारोह और 5 गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म में भाग लिए। गोद भराई के बाद, बच्चों, किशोर लड़कियों और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच पोषण की स्थिति में सुधार के लिए झारखंड के जीवनचक्र दृष्टिकोण पर प्रकाश डालने वाली एक प्रेरक लघु फिल्म "आओ तोड़ें: पोषण चक्र" जारी की गई। 

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कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण आज देश के 20 राज्यों में 11 हजार से अधिक सक्षम आंगनवाड़ी का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन था। सक्षम आंगनवाड़ी कैसे बेहतर पोषण और प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा वितरण (ई.सी.सी.ई) को बढ़ावा दे सकती है, इन बातों को प्रदर्शित करने वाली एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। 

इसके बाद श्री संतोष कुमार गंगवार, माननीय राज्यपाल, झारखंड और श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, माननीय केंद्रीय मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने बिहार के जमुई जिले और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र के आंगनवाड़ी सेविकाओं के बीच सक्षम आंगनवाड़ी पर ऑनलाइन बातचीत हुई। 

श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, माननीय केंद्रीय मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने विशेष संबोधन में कहा कि, “मैं पोषण माह के दौरान सभी हितधारकों द्वारा दिखाई गई भागीदारी और उत्साह से अभिभूत हूं। 

पोषण माह के दौरान विभिन्न पोषण संबंधी विषयों पर 13.95 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों पर कुल 12.86 करोड़ संवेदीकरण गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इस पोषण-केंद्रित जन आंदोलन के अलावा, जिसने पूरे देश को जागरूक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, एक पेड़ मां के नाम के माध्यम से पर्यावरण स्थिरता पर विशेष अभियान आयोजित किए गए। 

पोषण माह के दौरान एक पेड़ माँ के नाम से संबंधित कुल 86 लाख पेड़ लगाए गए। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि “कुछ राज्यों ने लाभार्थियों और समुदाय को जागरूक करने के लिए इस माह के दौरान अनूठी गतिविधियों का आयोजन किया है। असम में बेहतर हीमोग्लोबिन स्तर वाली किशोर लड़कियों को इस पोषण माह में 'हीमोग्लोबिन क्वीन्स' के रूप में मान्यता दी गई। 

इसने न केवल किशोरों को, बल्कि बड़े पैमाने पर समुदाय को प्रेरित और संवेदनशील बनाया है।'' अपने विशेष संबोधन को समाप्त करते हुए उन्होंने कहा, "मैं सक्षम आंगनबाड़ियों के माध्यम से और गति से विकास की आशा कर सकती हूं, जो समुदायों को, भारत को सुपोषित राष्ट्र बनाने के मिशन के साथ पोषण 2.0 की पहल में भाग लेने, संलग्न होने और स्वामित्व लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा"।  

पोषण भी पढाई भी, ईसीसीई, पालना गृह, टेक होम राशन/खाद्य और पोषण, स्वास्थ्य शिविर और एनीमिया परीक्षण, बाल संरक्षण, स्वयं सहायता समूह, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं और सीएमएएम प्रोटोकॉल जैसे विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित करने वाले विभिन्न प्रकार के स्टालों के साथ एक प्रदर्शनी का आयोजन कार्यक्रम स्थल पर किया गया था। 

कार्यक्रम के दौरान झारखंड को कुपोषण मुक्त राज्य में बदलने की प्रमुख रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने वाली पोषण धारा पत्रिका का तीसरा संस्करण भी लॉन्च किया गया। कार्यक्रम के समापन पर, झारखंड के माननीय राज्यपाल, श्री संतोष गंगवार ने अपने मुख्य अतिथीय संबोधन में कहा कि हमें अपने परिवार में मां बहन के स्वास्थ्य के चिंता प्रमुख रूप से करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कुपोषण जल्द से जल्द राष्ट्र से दूर हो। 

उन्होंने सरकार द्वारा बेहतर प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बढ़ते रुझान की चर्चा करते हुए कहा कि इससे कार्यक्रमों को चलाने में सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी, मातृ शिशु स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है और इसलिए केन्द्र और राज्य सरकार उन्हें और मजबूत करने की दिशा में पहला कर रही हैं। 

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राज्यपाल ने भारत सरकार के पोषण भी और पढ़ाई भी योजना का जिक्र किया और उसके सफलताओं की चर्चा की। पोषण माह में महीने भर चलने वाले समारोहों के दौरान, सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पोषण के बारे में 12.86 करोड़ से अधिक संवेदीकरण गतिविधियाँ आयोजित की गईं। विभिन्न विषयों के संदर्भ में, एनीमिया और विकास निगरानी पर क्रमशः समर्पित 2.4 करोड़ गतिविधियाँ और 2 करोड़ गतिविधियाँ आयोजित की गई हैं।  

पोषण माह 2024 एक स्वस्थ और सुपोषित भारत की दिशा में विभिन्न हितधारकों के सामूहिक प्रयासों का जश्न मनाता है। यह न केवल सभी भाग लेने वाले राज्यों के समर्पण को मान्यता देता है, बल्कि सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से हितधारकों के लिए बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करते हुए जागरूकता अभियान से जमीनी स्तर के आंदोलनों को मजबूत करने की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करते है। 

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