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माननीया राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना था कि खादी का प्रचार प्रसार देश के प्रत्येक गांव में हो ताकि यहां की महिलाएं स्वावलंबी बन सके। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस हेतु स्वयं सहायता समूह बनाकर गांधी जी के सपनो को धरातल पर उतारा। इसी का परिणाम है कि आज महिलाएं स्वावलंबी बन रही है। गांवों में सभी साधन है। यहां का कोकून देश में सर्वोत्तम है। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को किस प्रकार स्वावलंबी किया जाये, कौशल विकास कैसे किया जाय, संपदा का उपभोग कैसे हो, कम वर्षा में बेहतर खेती कैसे हो, बेहतर उत्पादन कैसे हो इसपर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्थिक, सामाजिक विकास की दिशा में खादी बोर्ड महात्मा गांधी के सपने को साकार कर रहा है। खादी बोर्ड द्वार प्रशिक्षण पाकर गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है। माननीया राज्यपाल आज सरायकेला खरसावां अंतर्गत खरसावां प्रखंड के आमदा में खादी पार्क का उद्घाटन कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रही थी। 

माननीया राज्यपाल ने इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का भी अनावरण किया तथा संग्रहालय में लगे गांधीजी की प्रतिमा, भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किये। केंद्र में कार्य कर रही महिलाओं से जानकारी भी ली। कार्यक्रम में 319 महिलाओं को तसर मशीन भी दिया गया।
 

 

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आत्मनिर्भरता हेतु राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक बड़ा सोच दिया। गांव के सभी लोग खादी से जुड़कर अपने अपने आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते है। खादी राष्ट्रीय आंदोलन है इससे जुड़कर लोग स्वालम्बी होते हैं क्योंकि इसके माध्यम से तत्काल आर्थिक मदत मिलती है। उन्होंने कहा  कि गांव में उत्पादित तसर सिल्क को राष्ट्रीय ही नही अपितु अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है खादी बोर्ड इसपर ध्यान दे। राज्य बनने के बाद यह बहुत बड़ी चुनौती थी कि इसका बाजार कैसे हो। बड़े पैमाने पर इसका निर्यात हो। कुचाई क्षेत्र में स्वर्ण जैसा तसर का उत्पादन होता है जो अन्य कहीं नही है। शुरुआती दौर में 4 करोड़ कोकून का उत्पादन हुआ था। महिलाओं को सही राशि मिले इसके लिए झारक्राफ्ट एवं खादी बोर्ड के द्वारा प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को इसप्रकार की शिक्षा दे कि वे आगे चलकर स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बन सके।

माननीय विधायक, खरसावां दसरथ गागराई ने कहा की दिवंगत राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम की सोच थी कि खरसावां, कुचाई का तसर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे। 

खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री की सोच को वे खरसावां की धरती पर उतारना चाहते है। यहाँ के मजदूरों को अच्छी मजदूरी मिले, वे स्वरोजगार से जूडे, आत्मनिर्भर बने ऐसा खादी बोर्ड का प्रयास है। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में देश का पहला खादी प्लाजा खोला जाना है जो प्रक्रियाधिन है। दुमका एवं सिली में भी खादी पार्क बनाया जाएगा यह भी प्रक्रिया में है। स्वीट क्रांति से भी किसानों को जोड़ा जा रहा है। कोल्हान प्रमंडल में भी 5-5 "बी" बॉक्स दिए जाएंगे। इसके माध्यम से किसान शहद का उत्पादन करेंगे। उत्पादित शहद को एजेंसी के माध्यम से खरीदा जाएगा। एक बी बॉक्स से 50 किलो ग्राम शहद उत्पादन होगा। हमने अपने उत्पादन को बार कोड से जोड़ा है तथा सभी केंद्रों को कम्प्यूटरीकृत भी किया गया है ।

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