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झारखंड में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा के बेरोजगार अभ्यर्थियों ने झारखंड के नवनियुक्त महामहिम राज्यपाल श्री रमेश बैस को लिखा पत्र। अभ्यर्थियों ने महामहिम राज्यपाल को लिखे पत्र में राज्य सरकार द्वारा लंबित नियुक्तियों में विधिसम्मत कार्यवाही करते हुए सभी लंबित नियुक्तियों को जल्द पूर्ण करने का आग्रह किया। 

अभ्यर्थियों ने महामहिम को लिखे पत्र में मुख्य रूप से 11 गैर अनुसूचित जिलों में ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स/प्राथमिक शिक्षक (पी.आर.टी) में बची हुई नियुक्ति, सभी 24 जिलों का पंचायत सचिव/निम्नवर्गीय लिपिक परीक्षा का अंतिम परिणाम व नियुक्ति, उत्पाद सिपाही व विशेष शाखा आरक्षी का परिणाम व आगे की प्रक्रिया जल्द पूर्ण करने की मांग की है। 

महामहिम को पत्र ज्योति कुमारी, मोहन वत्स, मोंटी सिंह, भूमि यादव, आर के रॉय, विक्रम पंडित, विनोद साहू की अगुवाई में लिखा गया। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि राज्य सरकार ने सोनी कुमारी बनाम झारखंड सरकार केस में उच्च न्यायालय के वृहद पीठ द्वारा दिए फैसले का गलत कानूनन व्याख्यान करके ये सभी बहालियों को मनमाने तरीके से रोक दिया गया है। 

अभ्यर्थी बताते हैं कि पिछले वर्ष 21 सितंबर को उच्च न्यायालय के वृहद पीठ द्वारा सोनी कुमारी बनाम झारखंड सरकार केस के फैसले में न्यायालय ने पैराग्राफ 64 में विज्ञापन संख्या 21/2016 के तहत सिर्फ़ 13 अनुसूचित जिलों में चल रही 8423 पदों के लिए ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द किया था।

 लेकिन राज्य सरकार ने मनमाने तरीके से 11 जिलों में चल रही ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स की बहाली, 24 जिलों में चल रही पंचायत सचिव की बहाली, उत्पाद सिपाही व विशेष शाखा आरक्षी की बहाली को रोक दिया। अभ्यर्थियों ने ये भी बताया कि पंचायत सचिव की सम्पूर्ण 24 जिलों की बहाली, उत्पाद सिपाही व विशेष शाखा आरक्षी की बहाली का सोनी कुमारी केस से कोई लेना देना ना होते हुए भी राज्य सरकार द्वारा इनकी नियुक्ति प्रक्रिया को लटका दिया गया।

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