हुआ
भाजपा का कैसरिया रंग का टोपी अब झारखंड के किसान नही लगाए गे। अब इस राज्य के किसानों को नए नाम से जाना जाएगा।
यहां अब किसानों और खेतिहर मजदूरों व खेती से जुड़े सभी लोगों को एक नाम- 'बिरसा किसान' के नाम से पहचाना जाएगा। राज्य में किसानों की पगड़ी का रंग भी कैसरिया से हरा कर दिया गया है।
एसा इसलिए की आज भाजपा नही,झामूमो सत्ता में है। झामूमो भाजपा के केसरिया रंग के बजाए हरा रंग की समर्थक है।और शायद इसलिए झारखंड के CM हेमंत सोरेन आज आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में सभी किसान और मज़दूर को हरा टोपी पहनावा कर एक सभा को सम्बोधित राँची में किया।
यह समारोह राँची में कृषि और पसु पालन विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।इस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने कहा:
'यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमें अंडा दूसरे राज्यों से इंपोर्ट करना पड़ता है। जबकि यह हमारी पारंपरिक व्यवस्थाएं है। गांव में गाय, बकरी, मुर्गी, सुअर के साथ नीम, बेर, महुआ और मुनगा का पेड़ भी होना चाहिए। यही हमारी पूंजी थी, लेकिन ये कहां गायब हो गई ये हम समझ ही नहीं पा रहे हैं।'