सी बी आई मामलों के विशेष न्यायाधीश, राऊज एवेन्यू न्यायालय, नई दिल्ली ने कोयला घोटाला के एक मामलें में मैसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड, रॉची के तत्कालीन प्रबन्ध निदेशक श्री बिनय प्रकाश; मैसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड के दो तत्कालीन निदेशकों यथा श्री वसन्त दिवाकर माँजरेकर तथा श्री परमानन्द मण्डल; कोलकाता के चार्टर एकाउण्टेन्ट श्री संजय खण्डेलवाल और मैसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड, रॉची (झारखण्ड) को आज दोषी ठहराया।

सी बी आई ने मैसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड रॉची तथा इसके प्रोत्साहकों/निदेशकों तथा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध वर्तमान मामला दर्ज किया। सी बी आई ने यह मामला वर्ष 1993 से 2005 के दौरान कोल ब्लाक आवंटन से सम्बन्धित सी वी सी से प्राप्त निर्देशों पर पूर्व में प्राथमिक जॉच पड़ताल के आधार पर दर्ज किया था। जॉच पड़ताल के दौरान, यह ज्ञात हुआ कि लालगढ़ (उत्तर) कोल ब्लॉक को 19वी. 

छानबीन समिति (screening committee) के द्वारा कम्पनी के पक्ष में निर्धारित किया गया तथा दिनॉक 24.11.2003 को एम ओ सी के पत्र के द्वारा कम्पनी को सूचित किया गया। आगे यह आरोप है कि मैसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड के प्रोत्साहक निदेशक श्री बिनय प्रकाश ने अज्ञात व्यक्तियों के साथ षड़यंत्र किया और कैपटिव कोल ब्लॉक (captive coal block) हेतु आवेदन के दौरान सम्बन्धित प्राधिकारी को गलत सूचना दी और लालगढ़ (उत्तर) कोल ब्लॉक का आवंटन सुनिश्चित किया। उक्त षड़यंत्र के क्रम में आगे, कोल ब्लॉक आवंटन के पश्चात, आरोपियों ने कथित रुप से कम्पनी की अंश धारिता को अधिमूल्य (premium) पर बेचकर 7 करोड़ रु. (लगभग) का मौद्रिक लाभ प्राप्त किया।

जॉच के पश्चात, आरोपियों के विरुद्ध दिनॉक 22.12.2015 को आरोप पत्र दायर हुआ। विचारण अदालत ने पॉच आरोपियों को कसूरवार पाया एवं उन्हे दोषी ठहराया।

सजा के स्वरुप (quantum of sentence) पर बहस के लिए मामले को दिनॉक 15.09.2021 तक के लिए स्थगित किया है।

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