*तस्वीर : नेपाल हाउस राँची के मुख्य गेट को बंद करने के दौरान पुलिस से भी उलझ गए प्रदर्शनकारी।

हेमंत सरकार की मुसीबत थमने से बाहर दिखाए देती है । ठीक जैसे क़िस्सान आंदोलन करता दिल्ली में महीनो से रोड जाम किए बैठे है, वैसे ही राँची में आज झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी ने झारखंड सरकार के सचिवालय (नेपाल हाउस) में ताला जड़ दिया है। 

पूर्व नियोजित प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत राज्य भर से सैकड़ों की संख्या में पारा चिकित्साकर्मी अपनी मांगों को लेकर यहां स्वास्थ्य विभाग के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे हैं। धीरे-धीरे इनका प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। इन्होंने नेपाल हाउस सेक्रेटेरीयट के दोनों गेट पर ताला जड़ दिया है।

झारखंड सरकार के 10 विभाग के लगभग 1500 कर्मचारी यहां बंधक बन गए हैं। नेपाल हाउस में स्वास्थ्य विभाग के अलावा, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता, योजना, उद्योग, खान , उच्च शिक्षा, वन पर्यावरण, पेयजल स्वच्छता, जल संसाधन और श्रम विभाग के अलावा डेवलेपमेंट कमिश्नर का भी दफ्तर है। 

कई विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी अंदर फंसे हैं। हालांकि किसी विभाग के मंत्री सोमवार को दफ्तर नहीं पहुंचे थे।

-----------------------------Advertisement------------------------------------

*तशविर : सुबह से ही बड़ी संख्या में राज्य भर के स्वास्थ्यकर्मी नेपाल हाउस पहुंचने लगे थे।

प्रदर्शनकारियों अपनी सेवा समायोजित करने की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि CM हेमंत सोरेन ने चुनाव के समय वादा किया था कि सभी अनुबंध कर्मियों को नियमित किया जाएगा। अब दो साल बीता जाने के बाद वे अपने वादे से मुकर रहे हैं।

एसा महसूस हो रहा है की नेपाल हाउस सेक्रेटेरीयट के पास लगातार इनका आंदोलन उग्र होता जा रहा है। विवाद के बढ़ने की स्थिति को देखते हुए धरनास्थ्ल पर पुलिस बल की संख्या को बढ़ाया जा रहा है। पुलिस गेट को खोलने की मांग कर रहे हैं लेकिन ये लोग वहां से हटने के लिए फिलहाल तैयार नहीं हैं।

ज़रा इनकी माँगो पर ध्यान दे 

1. वर्षों से स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न संभागों में अनुबंध पर कार्यरत सभी पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति नियमित की जाए।
2.नियमित नियुक्ति होने तक समान कार्य, समान वेतन तथा 60 वर्षों तक सेवा गारंटी दी जाए।
3. एनएचएम अंर्तगत कार्यरत पारा चिकित्सा कर्मियों की वेतन विसंगति को दूर कर एक समान मानदेय दिया जाए।
4.अनुबंध पर कार्यरत पारा चिकित्सा कर्मियों का झारखंड पारा मेडिकल काउंसिल से निबंधन करवाया जाए।

must read