मेहरबाई टाटा (1879~1931) जमशेदजी टाटा की बहू और बडे बेटे दोराबजी टाटा की पत्नी थी और नारी शक्ति की प्रतीक थी! तस्वीर मे इन्होंने गले मे पति दोराबजी द्वारा भेंट किया गया 245 कैरेट का प्रसिद्ध जुबली डायमंड जो की वजन मे कोहिनूर से दोगुना था, पहना है! इनकी कैंसर से असमय मृत्यु के बाद यह हीरा बेचकर ही दोराबजी टाटा ने टाटा मेमोरियल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की थी !
प्रेम के लिये बनाया गया यह स्मारक मानवता के लिये एक उपहार है ! विडम्बना देखिये हम प्रेम स्मारक के रुप मे कब्रों को महिमामंडित करते रहते हैं और जो हमें जीवन प्रदान करता है, उसके बारे मे जानते तक नहीं !!