*Image courtesy TV9 Bharatvarsh

भालू (सर्वे एजेंसी) - सरदार, नारंगी ग्रुप को 370... शेर - हूँ... अरे ओ बन्दर (सर्वे एजेंसी)... तू बता? 

बन्दर (सर्वे एजेंसी) - सरदार, करैला ग्रुप को 120... #evm की जुबान खुलते ही... 

शेर (मतदाता) और करैला ग्रुप - इसकी सज़ा मिलेगी... बरोबर मिलेगी... परिणाम - भालू और बन्दर रोने लगे.

काल बदला... विचार बदले..... आक्टोपस काल सर्वेक्षण (अक्टूबर 2024 हरियाणा का सर्वे) शेर (मतदाता) - अरे ओ साम्भा (सर्वे एजेंसी), #evm से हरि की क्या इच्छा प्रकट होगी ? 

भालू (सर्वे एजेंसी) - सरदार, नारंगी ग्रुप को 25... शेर - हूँ... अरे ओ बन्दर (सर्वे एजेंसी)... तू बता? बन्दर (सर्वे एजेंसी) - सरदार, करैला ग्रुप को 65... #evm की जुबान खुलते ही... शेर (मतदाता) - इसकी सज़ा मिलेगी... बरोबर मिलेगी... करैला ग्रुप - #evm में छलांग मारकर #modi मेरे सारे वोट खा गया..... परिणाम - भालू और बन्दर फिर से जोर-जोर से दहाड़े मारकर रोने लगे. 

फिर से काल बदला... विचार बदले और सभी भालू और बन्दर (सर्वे एजेंसी) लोमड़ी और सियार में बदल गये और कॉन्फ्रेंस में फैसला हुआ कि झार देश में शेर का सारा कंफ्यूजन ख़तम कर सितम ढा देंगे. 

इसका नेतृत्व Voter करेगा और बाकी सारे मिलकर उसमें तड़का लगायेंगे. सभी ने हुंकार मारकर प्लान तैयार किया. 

अब आया नव काल (नवम्बर 2024 झारखण्ड का सर्वे) 

शेर (मतदाता) - अरे ओ साम्भा (सर्वे एजेंसी), तू तो साम्भा की बजाय राम्भा बन हमेशा गच्चा देता है. अब बता...evm की झार से टपके फल को कौन कितना हज़म करेगा? कैसे-कैसे फल टपकेंगे ? बता जल्दी... लोमड़ी में बदल चुका भालू (सर्वे एजेंसी) - सरदार, नारंगी ग्रुप को 34... हूँ... अरे ओ बन्दर (सर्वे एजेंसी)... तू बता? 

सियार में बदल चुका बन्दर (सर्वे एजेंसी) - सरदार, करैला ग्रुप को 26... ...और बाकी के 81 फल कौन खा गया बे... लोमड़ी - सरदार..... कुहासा है... सियार - सरकार..... मुझे सर्दी है, जुकाम है, नाक बन्द और सब कुछ उल्टा-पुल्टा. #evm की जुबान खुलने से पहले ही... नारंगी और करैला ग्रुप जोर-जोर से दहाड़े मारकर रोने लगे. जबकि भालू, बन्दर, लोमड़ी, सियार और जंगल के सभी जानवर (शेर को छोड़कर) फिर से हँसने लगे. शेर के साथ ही नारंगी और करैला ग्रुप #evm की जुबां खुलने का सिद्दत से इंतजार कर रहा है. 

दिव्य ज्ञान... 

(1) "जहाँ स्वयं कन्विन्स न हो वहाँ सभी को कंफ्यूज कर" सभी के दिमाग़ का दही बना दो. 

(2) "चित्त भी मेरी पट्ट भी मेरी, टंटा मेरे बाप का" को व्यावहारिक रूप में ज़मीन पर लागू करो. 

(3) वसूल सकते हो तो मरते दम तक नारंगी को निचोड़ लो और करैली का कचूमर बना दो. अंतिम दम तक पैसा वसूलो. वैसे भी जो गधे बिना पैसा लिये  इस फिल्ड में फील्डिंग कर रहे हैं उनका यहाँ कोई काम नहीं. 

(4) ग्रुप हित में एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार हो जायेगा जिसपर चढ़ कर कोई ग्रुप ढंग से रो सकेगा कि माई-बाप, #evm लुट गया, हाईजैक हो गया आदि आदि. 

(5) किसी नये धंधे को ज़माने या जमे-जमाये धंधे की स्पीड बरकरार रखने के लिये यह बहुत जरूरी है कि कंफ्यूजन क्रिएट करो. प्रिसकृप्सन ऐसा लिखो कि पढ़ने के लिये किसी दूसरे डॉक्टर की जरूरत पड़े. ऐसा सर्वे करो कि उसका निष्कर्ष समझने के लिये दूसरे सर्वे एजेंसी की जरूरत पड़े. 

(6) जहाँ सैंपल साइज और टार्गेट एरिया छोटा हो, कंफ्यूजन हो या बताने के लायक न हो वहाँ यही रास्ता अति उत्तम ही नहीं सर्वोत्तम भी है. 

(7) जिस प्रदेश की साढ़े तीन करोड़ आबादी में से साढ़े तीन लाख अव्वल दर्ज़े के चुनाव 

 

विशेषज्ञ हों वहाँ यही रास्ता अच्छा और सच्चा है.

 

*इस दिव्य ज्ञान के प्रस्तुतकर्ता संतोष दीपक (अतीत के किसी कालखण्ड में चाणक्य का फुफेरा भतीजा)

 

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