बसंत पंचमी.इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना  मां सरस्वती की उत्पत्ति दुर्गा के पांचवें रूप स्कंदमाता से हुई है।

श्वेत वस्त्र, हाथों में वीणा, धर्म ग्रंथ धारण किए हुए मां सरस्वती जगत में ज्ञान की बारिश करती हैं। विशेषकर विद्यार्थी वर्ग मां सरस्वती की आराधना जरूर करते हैं। राजधानी रांची में विभिन्न शिक्षण संस्थानाें के अलावा दर्जनों स्थानों पर मूर्ति स्थापित कर ज्ञान की देवी की पूजा होती है। पूजा की तैयारी जोरों पर है।

पं अजित मिश्रा बताते हैं कि इस वसंत पंचमी पर दो खास योग बन रहे हैं। इससे पंचमी का महत्व कई गुणा बढ़ गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन रवि योग और सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग बन रहा है। पंचमी को रवि योग पूरे दिन रहेगा।

वहीं सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग रांची के समय के अनुसार रात 8.18 बजे से लेकर सुबह 4.44 बजे तक है। यह शुभ और अतिदुर्लभ संयोग बना रहा है। ऐसे लोग जिनकी पढ़ाई में बाधा है, जिनका बुद्धि या कला विकसित नहीं है, वे इस काल में मां को प्रसन्न करने के लिए बीज मंत्र ओम एं नमः का जाप कर सकते हैं।

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