Representational Pic

Before advent of the monsoon enough food grains be stored,those roads that suffer from soil erosion in the wake of floods be repaired and in case of any possibility of obstruction in traffic,a system of alternative roads should be kept ready.

These were part of directives given by chief secretary RS Sharma to the state executive committee of the disaster management department in a meeting held at the state secretariat today.

A press release issued by the public relations department in Hindi said as follows:

– मानसून के पूर्व सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में अनाज का भण्डारण कर लिया जाए तथा जिन जिलों में बाढ़ के कारण मिêी का कटाव होता है वहाँ सड़कों की मरम्मति की जाए, साथ ही किसी प्रकार के व्यवधान होने पर आवागमन हेतु वैकलिपक व्यवस्था भी रखा जाए। मुख्य सचिव श्री आर0एस0शर्मा प्रोजेक्ट भवन सिथत सभा कक्ष में आपदा प्रबंधन की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग भी जिलों में पर्याप्त मात्रा में ओ0आर0एस0 ब्लीचिंग पाउडर, ऐन्टी डायरिया दवाओं की पूरी व्यवस्था रखें साथ ही उपायुक्त लो लाइन एरिया की पहचान कर उन क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की दिशा में आवश्यक कार्रवार्इ करें। श्री शर्मा ने लैण्ड इरोजन को रोकने सम्बंधित सिंचार्इ विभाग की योजना को मानसून के पूर्व पूरा करने का निदेश दिया। सिंचार्इ विभाग के प्रतिनिधि ने यह आश्वासन दिया कि माह जून-13 तक योजना पूरी कर ली जाएगी।

बैठक में बाढ़ के समय उत्पन्न होने वाली पेयजल की समस्या की चर्चा की गर्इ तथा अपर मुख्य सचिव श्री सुधीर प्रसाद ने यह जानकारी दिया कि इन क्षेत्रों में हैण्डपम्प लगे रहते हैं जिसके कारण पेयजल की समस्या नहीं रहती है, फिर भी विभाग अपनी तरफ से आवश्यक कदम उठाने के लिए तत्पर है। सचिव आपदा प्रबंधन श्रीमती नीलिमा केरकेêा ने कहा कि झारखण्ड राज्य में साहेबगंज, राजमहल ऐसे जिले है जो अक्सर बाढ़ प्रभावित होते हैं, वहाँ विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा संबंधित जानकारी को जनजागरूकता हेतु व्यापाक प्रचार-प्रसार किया जाए।

उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन सम्बंधित सभी कार्रवार्इ जिला स्तर पर की जानी है। अत: सभी जिलों के उपायुक्त विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बना कर अभी से कार्रवार्इ प्रारम्भ कर दें। सिचांर्इ विभाग के पदाधिकारी ने जानकारी दिया कि चुकिं झारखण्ड एक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र नहीं है अत: अभी तक यहां बाढ़ मैनुअल नहीं बना है, जिस कारण प्रभावित जिलों में आपदा प्रबंधन का कार्य करने में कठिनार्इ होती है। मुख्य सचिव ने सिंचार्इ विभाग को निदेश दिया कि बाढ़ मैनुअल बनाया जाए। साथ ही मौसम पूर्वानुमान की जानकारी किसानों को दी जाए ताकि वह उनका लाभ उठा सके।

बैठक में अपर मुख्य सचिव पेयजल एवं स्वच्छता श्री सुधीर प्रसाद, प्रधान सचिव पथ निर्माण विभाग श्रीमती राजबाला वर्मा, प्रधान सचिव सहकारिता एवं पशुपालन श्री बी0के0त्रिपाठी, सचिव आपदा प्रबंधन श्रीमती नीलिमा केरकेêा, सचिव Ñषि एवं गन्ना विकास श्री नीतिन मदन कुलकर्णी समेत वरीय पदाधिकारीगण उपसिथत थे।

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