आयोग के प्रधान सचिव राहुल शर्मा ने राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को भेजे पत्र में कहा है कि आयोग की बिना सहमति के इन्हें किसी जिले का DC या जिला निर्वाचन अधिकारी न बनाएं।

 भजंत्री पर 15 दिन में विभागीय कार्यवाही करने और मेजर पेनाल्टी के आरोप पत्र देने की भी हिदायत दी है। आयोग ने यह आदेश BJP सांसद निशिकांत दुबे पर कराए गए 5 केस को गलत करार देते हुए मुख्य सचिव को दिया है।

तथ्य ये है की  मधुपुर उप चुनाव के 6 माह बाद BJP सांसद दुबे पर केस दर्ज कराने पर आयोग ने भजंत्री को शो-कॉज किया था। आयोग ने DC से पूछा था कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में गोड्‌डा सांसद पर 6 महीने की देरी से क्यों FIR दर्ज कराई गई थी ।

मधुपुर उप चुनाव की मतगणना से पहले देवघर के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह DC रहे मंजूनाथ भजंत्री को चुनाव आयोग ने हटा दिया था। बाद में उनकी जगह पर नैंसी सहाय को DC बनाया था। उस समय मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ पक्षपात का आरोप लगाते हुए BJP नेताओं ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित ज्ञापन राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के. रवि कुमार को सौंपा था। मतगणना के बाद राज्य सरकार ने भजंत्री को फिर से देवघर का DC बना दिया था।

देवघर DC मंजूनाथ भजंत्री ने गोड्‌डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ 26 अक्टूबर को देवघर जिले के पांच अलग-अलग थानों में दूसरे के नाम पर पांच केस दर्ज कराए थे। मधुपुर विधानसभा उप चुनाव के दाैरान सांसद ने DC की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कई पोस्ट किए थे। उनको आधार बनाते हुए नगर थाना, देवीपुर थाना, बुढैई थाना, मधुपुर थाना और चितरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसी मामले की दुबे ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी।

विधानसभा में BJP के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा, 'राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित देवघर DC पर चुनाव आयुक्त ने दंडात्मक कार्रवाई करते हुए पद से हटाने के आदेश के साथ ही भविष्य में चुनाव कार्य में नहीं लगाने का जो निर्देश दिया है, इसका तत्काल पालन हो। सरकार की चापलूसी में लगे प्रशासनिक अधिकारियों के लिए ये एक सबक है।'

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