*लालजी यादव 2012 बैच के दारोगा थे।

देर रात पलामू पहुंचे मृतक दारोगा के भाई संजीव कुमार ने पलामू के SP चंदन कुमार सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि उनके भाई ने आत्महत्या नहीं की, उसकी हत्या की गई है।

इस संबंध में उन्होंने पलामू के SP चंदन कुमार सिन्हा, DTO अनवर हुसैन और SDPO सुरजित कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। 

अपनी शिकायत में संजीव कुमार ने कहा है कि SP पिछले कुछ दिनों से लालजी को “प्रताड़ित” कर रहे थे। “अवैध वसूली का दबाव डालते थे। ऐसा नहीं करने पर सस्पेंड और हत्या करा देने की धमकी तक देते थे। इसके कारण वह लगातार परेशान रह रहे थे। घर पर जब भी बात करते थे, हताश रहते थे।”

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि DTO अनवर हुसैन की ओर से पकड़े गए अवैध गाड़ियों को उन्होंने रखने से मना किया तो सस्पेंड कर दिया गया। उन्हें निलंबन मुक्त करने के लिए 10 लाख रुपए मांगा जा रहा था नहीं तो उनकी जगह दूसरे थाना प्रभारी की पोस्टिंग करने की धमकी दी जा रही थी।

वहीं इस मसले पर पलामू के SP चंदन कुमार सिन्हा ने को बताया कि यह आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। पूरी तरह मोटिवेटेड है। ऐसी कोई बात नहीं थी। सस्पेंड करना प्रशासनिक मजबूरी थी। वह DTO, SDPO यहां तक की मेरी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे। 

उन्होंने बताया कि रांची के बूढमू मालाखाना के चार्ज देने में हो रही परेशानी की बातें उन्होंने अपने कई बैचमेट्स से साझा की है। जांच में सारी चीजें स्पष्ट हो जाएगी।

लालजी यादव के परिजनों ने बताया कि उनकी मौत की ऑफिशियल जानकारी पुलिस की तरफ से नहीं दी गई। सोशल मीडिया से जानकारी मिलने के बाद वे पलामू पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद जब तक शिकायत दर्ज नहीं हुई वे शव के पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं हुए।

पलामू मेडिकल कॉलेज में तीन डॉक्टरों का बोर्ड गठन कर शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें शक है कि इसमें डॉक्टरों पर दबाव बनाया गया है। वे शव का दोबारा पोस्टमार्टम रांची के RIMS में कराना चाहते हैं।

सत्य ये है की नवाबाजार के निलंबित दारोगा लालजी यादव ने सोमवार देर रात अपने थाना परिसर में ही “आत्महत्या”की थी। कमरे में फंदे से लटकता हुआ उनका शव मिला था। एक सप्ताह पहले पलामू के DTO अनवर हुसैन से बकझक के बाद पलामू SP चंदन कुमार सिन्हा ने लालजी यादव को सस्पेंड कर दिया था।

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