*image credit IPRD, Jharkhand

"आइए हम झारखण्ड को देश का सबसे स्वच्छ राज्य बनाएं। आजादी के लिए संघर्ष करते हुए महात्मा गांधी का सपना था कि भारत स्वच्छ बने" । उन्होंने कहा कि प्रत्येक जन जीवन में स्वच्छता का विशेष महत्व होना चाहिए। देश के जननायक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत का अभियान शुरू किया है। झारखण्ड 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छता के क्षेत्र में केवल 18 प्रतिशत की प्रगति वाला राज्य था और आज झारखण्ड इस क्षेत्र में 77 प्रतिशत प्रगति के साथ पूरे देश में सबसे आगे है। 2 अक्टूबर 2018 तक झारखण्ड शत प्रतिशत ओडीएफ राज्य बन जाएगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास आज झारखण्ड मंत्रालय में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत आयोजित स्वच्छता सहयोग अभियान के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड की महिलाओं की सूझ और शक्ति पर भरोसा कर हम इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। झारखण्ड इस पर भी जोर दे रहा है कि शत प्रतिशत शौचालय का उपयोग हो। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि में राज्य द्वारा शुरू किए गए नवाचार (इनोवेटिव) अभियानों का विशेष महत्व है। मुख्यमंत्री ने आज से शुरू होने वाले इस अभियान के बारे में कहा कि वे जिले और प्रखण्ड जो ओडीएफ हो गए है उनके रानी मिस्त्री, राज मिस्त्री, जल सहिया और अन्य संगठन राज्य के ओडीएफ की राह में कार्य कर रहे जिलों को आगे लाने में अपनी महती भूमिका निभाएंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक स्वच्छता, सार्वजनिक स्वच्छता और सार्वजनिक सफाई के बारे में हमें एक उत्तरदायी समाज के रूप में जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने के लिए सरकार और समाज में आपसी समन्वय बनाना चाहिए। जन सहयोग का महत्व होता है। जन सहयोग से काम करने की शक्ति बढ़ जाती है।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की दृष्टि से गोबर बैंक बनाएं जाने पर जोर दिया। इससे ग्रामीणों को जैविक खाद भी मिलेगी तथा पशुओं के गोहाल आदि भी स्वच्छ रहेंगें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता एक सामाजिक आन्दोलन है। अलग विचारधारा भले हो, पर सब आए और मिलकर साझे प्रयास से राज्य की जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव लाएं।

पेयजल स्वच्छता विभाग के मंत्री श्री चन्द्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के संकल्प को विभाग ससमय पूरा करेगा। 2 अक्टूबर 2018 तक हम लक्ष्य पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि विभाग का यह प्रयास रहा है कि स्वच्छता अभियान जन आंदोलन बने और जन सहभागिता अधिक से अधिक  हो। राज्य के शत प्रतिशत गांव को ओडीएफ बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध प्रयास किया जा रहा है। 2 अक्टूबर 20 18 तक राज्य पूर्ण रूप से खुले में शौच मुक्त हो जाएगा। 
पेयजल स्वच्छता विभाग की सचिव श्रीमती अराधना पटनायक ने कहा कि सोच, व्यवहार और जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन का पर्याय है स्वच्छता।

इस अवसर पर स्वच्छता के लक्ष्य को पूरा करने में आने वाले दिनों में जिन 40 प्रखण्डों की अहम भूमिका है, उन्हें विशेष रूप से कार्यशाला के तहत कार्य योजना के बारे में जानकारी दी गई और उनकी कठिनाईयों का समाधान किया गया।
इस अवसर पर 25 जनवरी से 25 मार्च तक स्वच्छता संकल्प अभियान के तहत राज्य में 3,20,000 शौचालय बने, जिसकी प्रशंसा देश के प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी किया था। अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले को भी सम्मानित किया गया। देवघर के उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिन्हा को सबसे अधिक शौचालय निर्माण के लिए सम्मानित किया गया। सरायकेला के इचागढ़ प्रखण्ड के बीडीओ, जामताड़ा के उपायुक्त को अभियान में ओडीएफ जिला बनने, रानी मिस्त्रियों के इनोवेटिव उपयोग के लिए सिमडेगा के उपायुक्त, स्वयं सेवी संस्थाओं, ग्राम संगठन, मुखिया आदि को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में सलाहकार स्वच्छता अभियान, भारत सरकार श्री आनन्द शेखर, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन श्री राजेश शर्मा, विभिन्न जिलों के उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, प्रखंड विकास पदाधिकारी, रानी मिस्त्री, जल सहिया, तथा स्वच्छता मिशन कार्यक्रम से जुड़े विभिन्न सहभागी, ग्राम संगठन एवं स्वयं सहायता समूह के लोग उपस्थित थे।    

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