झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन आज भाजपा के विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग को लेकर हंगामा किया, प्रशन पूछा और धरना दिया। 

पोस्टर के साथ नारेबाजी की। वहीं कांग्रेस ने राज्य पिछड़ा आयोग के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। विभिन्न आदिवासी संगठनों ने मानव श्रृंखला बनाकर खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की मांग की।

नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक है। विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि सरकार के इशारे पर स्पीकर 2 वर्षों से बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव में बाबूलाल को भाजपा विधायक का दर्जा दे दिया।

उधर एक प्रसन के जवाब में मुख्य मंत्री  हेमंत सोरेन ने कहा कि स्थानीयता नीति पर उच्च न्यायालय के आदेश पर अध्ययन हो रहा है। 

इससे पहले इस मुद्दे पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह मामला विचाराधीन है। लंबोदर महतो के प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने यह जवाब दिया। विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि स्थानीय नीति बेहद अहम है। पूर्व की सरकार में बनी नीति को रद्द किया जाना चाहिए। आलमगीर आलम ने कहा कि स्थानीय नीति पर जल्द निर्णय होगा।

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