आज झारखण्ड के सुदूर क्षेत्र में डीएवी सिल्ली में मानवता विषयक योग कार्यक्रम को आयोजित किया गया।

राँची में सत्यानन्द योग मिशन मानव मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं पर आधारित प्रशिक्षण को लेकर कृतसंकल्पित है। इस संस्था का मिशन डीएवी सिल्ली के सीनियर छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों के लिए 'योग और मानवता' विषय पर योग प्रशिक्षण सह सेमिनार को आयोजित किया,जिसमें सैकड़ों बच्चे स्वामी मुक्तरथ जी से एकाग्रता,मेधा- स्मृति, मानसिक सबलता और भावनात्मक संतुलन के लिए प्राणायाम और मेडिटेशन के गुर सीखे। विद्यालय के प्राचार्य ए.के.मिश्रा सहित कई शिक्षक भी सेमिनार में उपस्थित थे। 

आचार्य मुक्तरथ जी ने कहा आज मनुष्य को स्वावलंबी बनने के साथ परोपकारी, कर्तव्यनिष्ठ, दूसरों के प्रति संवेदना रखने वाला और अपने नैतिक गुणों को विकसित करने में ध्यान देने की जरूरत है।

हमारा स्वास्थ्य और संस्कार पारिवारिक सुख और सामंजस्य,घरेलू वातावरण, समाज की रीति-रिवाज और परिवेश पर बहुत हद तक निर्भर करता है। यहीं से हम अपने भीतर संवेदनशीलता के गुणों को भी विकसित करते हैं। जिस परिवार में योग का प्रचलन है वह जरूर सुखी रहता है और उनसे समाज को भी एक दिशा मिलती है।

आज हमें इन्हीं गुणों को विकसित करने की आवश्यकता है जिससे प्रतिस्पर्धा में द्वेष न हो, दूसरों के दुःख-दर्द के साथ हमारी सहानुभूति हो, हममें राष्ट्रीय भावना कूट-कूट कर भरी हो और हम एक नेक इन्सान बन देश की उन्नति में, मानवता के विकाश में खड़े उतरें।
प्राचार्य ए.के.मिश्रा ने कहा हमारा डीएवी संस्थान भी बच्चों में इन्हीं मूल्यों पर आधारित विद्या को प्रदान करने हेतू कृतसंकल्पित है।

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