भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय के एमएसएमई-विकास कार्यालय, रांची द्वारा रांची जिले में पीएम विश्वकर्मा योजना पर आधारित एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को योजना से मिलने वाले लाभ, पात्रता एवं आवेदन की प्रकिया इत्यादि के बारे में वृहद रुप से जानकारी देना एवं जागरुक करना है। 

इस कार्यक्रम का उद्घाटन दिनांक-15.02.2024 को पूर्वाह्न 11.00 बजे सभा कक्ष, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, रातु रोड, रांची में मुख्य अतिथि श्री चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह, माननीय विधायक, रांची एवं अन्य उपस्थित विशिष्ट अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। 

कार्यक्रम की संयोजक श्रीमती नीतू, सहायक निदेशक द्वारा उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया। श्री इंद्रजीत यादव, आई.ई.डी.एस., संयुक्त निदेशक एवं कार्यालय प्रमुख, एमएसएमई-विकास कार्यालय, रांची ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूप–रेखा से अवगत कराया। 

उन्होंने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं – कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले। 

उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण एवं रूपए 500/- प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरान्त टूल किट हेतु 15 हजार रूपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रूपए तका का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। 

प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्य अतिथि श्री चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह, माननीय विधायक, रांची ने कार्यक्रम के उद्घाटन में अपने अभिभाषण में कहा कि भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा जयंती दिनांक-17 सितम्बर, 2023 को प्रधानमंत्री जी के द्वारा डिजिटली लौंच (लागू) की गई थी। 

भारत सरकार के द्वारा इस योजना को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता एवं उन्नत उपकरण प्रदान करते हुए उनके व्यवसाय में बढ़ोतरी कराना है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। उन्होंने सभा में उपस्थित 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों से इस योजना का लाभ लेने हेतु ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया। 

उद्घाटन सत्र में श्री राजीव रंजन, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, रांची, श्री बीके सिंघा, क्षेत्रीय निदेशक, आरडीएसडीई, रांची, श्री अरूप बनर्जी, राज्य प्रभारी, सीएससी-एसपीवी, झारखंड आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर), रांची के वरिष्ठ प्रबंधक श्री शशी शुक्ला ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया, पात्रता एवं मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। 

कार्यक्रम में सीएससी की ओर से एक “ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन” शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया। श्री श्रीकांत, उप निदेशक, एमएमएलकेयूवीबी, रांची ने भी पीएम विश्वकर्मा योजना की आवश्यक बातों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। 

श्री गौरव, सहायक निदेशक ने कार्यक्रम की समाप्ति पर सभा में उपस्थित सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। रांची जिले के लगभग 200 से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों ने इस जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होकर पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त किया। 

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