*मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन पांजनपहाड़ी, जामा, दुमका में आयोजित झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के संताल परगना प्रमंडल स्तरीय कार्यक्रम में दुमका, देवघर, साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़ एवं जामताड़ा की 7 लाख 32 हज़ार 906 बहन- बेटियों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से सम्मान राशि हस्तांतरित कर दी बड़ी सौगात ।*
झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को लेकर राज्यभर की महिलाओं में जो उत्साह एवं खुशी देखने को मिल रहा है, वह अदभुत है। आपका ये उत्साह हमें हर मुसीबतों तथा चुनौतियों से लड़ने की ताकत देता है। आपकी उम्मीदों और भरोसे से हम हर चुनौतियों का डटकर मुकाबला करते हुए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
दुमका जिला के जामा प्रखंड स्थित पांजनपहाड़ी में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के संताल परगना प्रमंडल स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
*जो आधी आबादी को मजबूत एवं सशक्त करेगा, वही राज्य आगे बढ़ेगा*
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधी आबादी को जो मजबूत और सशक्त करेगा, वही राज्य आगे बढ़ेगा। राज्य के विकास के लिए महिलाओं की भागीदारी हर हाल में जरूरी है। यही वजह है कि हमारी सरकार आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है । हमारी सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम कर रही है ।
 *जिन्होंने कभी ब्लॉक ऑफिस तक नहीं देखा उनके दरवाजे पहुंच रही सरकार*
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 4 वर्ष पहले कई ऐसे गांव थे, जहां के लोगों ने कभी ब्लॉक ऑफिस तक नहीं देखा था। डीसी- एसपी ऑफिस के बारे में जिन्हें कोई जानकारी तक नहीं थी। उनके दरवाजे पर आज पूरी सरकार पहुंच रही है। जिन गांवों में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है।
जहां आवागमन की कोई सुविधा नहीं है, वहां आज बीडीओ- सीओ, डीसी- एसपी से लेकर विभागों के सचिव पहुंच कर आपकी समस्याओं को न सिर्फ सुन रहे हैं बल्कि उसका समाधान कर रहे हैं । जिन समस्याओं का निदान तत्काल संभव नहीं है, उसकी जानकारी सरकार तक पहुंचा रहे हैं ताकि उस दिशा में ठोस कदम उठाया जा सके। सरकार की योजनाओं से कोई वंचित नहीं रहे, इसी सोच के साथ कार्य कर रहे हैं।
*गांवों की मजबूती से राज्य के विकास का रास्ता तय होगा*
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों को मजबूत किए बगैर राज्य मजबूत नहीं बन सकता है। यही वजह है कि हमारी सरकार रांची हेडक्वार्टर की बजाय गांव- देहात से चल रही है। "आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार" कार्यक्रम के तहत गांव-गांव टोले -टोले में शिविर लगाकर सरकार की योजनाओं से समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी जोड़ने का काम किया गया।