साल 2023 में सचिवालय घेराव के दौरान भाजपा के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे, पूर्व CM अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास और संजय सेठ समेत अन्य नेताओं के खिलाफ धुर्वा थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। 

आज  सोमवार की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभय ओका और जस्टिस भुइयां की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। 

वर्ष 2023 में भाजपा के सचिवालय घेराव कार्यक्रम में हुए उपद्रव के बाद तीन पूर्व सीएम, 5 सांसद समेत 41 लोगों पर धुर्वा थाना में केस दर्ज किया गया था। जिसका कांड संख्या 107/2023 है। 

जिनपर उपद्रव करने, दंगा भड़काने, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, अपराध के लिए उकसाने और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराएं लगायी गयी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने यह प्राथमिकी रद्द कर दी थी। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। लेकिन हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट से भी उक्त सभी को राहत मिली है।

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